सतीश के वार पर राव समर्थकों का पलटवार, नवनिर्वाचित नप प्रधान ने पूर्व जिला प्रमुख को घेरा
जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश यादव के उस बयान पर शनिवार को भाजपा खेमे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को इलाके के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार ठहराया था। नप की नवनिर्वाचित प्रधान पूनम यादव ने भी तीखा पलटवार किया है।
रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश यादव के उस बयान पर शनिवार को भाजपा खेमे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को इलाके के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार ठहराया था। सतीश के वार पर नप की नवनिर्वाचित प्रधान पूनम यादव ने तीखा पलटवार किया है। सुनील यादव ने भी उनकी घेराबंदी की है।
पूनम यादव ने कहा कि सतीश यादव राजनीति में जिंदा रहने के लिए राव पर बेतुके आरोप लगा रहे हैं। असलियत में राव विरोधी नेताओं का साथ पाकर भी सतीश यादव अपनी पत्नी उपमा को नगर परिषद का छोटा सा चुनाव भी नहीं जिता पाए। इस कारण वह खीज मिटा रहे हैं। वह भूल गए हैं कि उन्हें जिला प्रमुख राव ने ही बनाया था। खुद को हनुमान व राव को राम बताकर ही सतीश ने चुनाव लड़ने की हैसियत बनाई थी।
पूनम ने कहा कि रोजगार, पानी व क्षेत्रवाद के आधार पर भेदभाव जैसे मुद्दों पर राव ने मुख्यमंत्रियों के समक्ष ठोस पैरवी की है। इसका असर भी दिखता है। नौकरियां पाने में दक्षिण हरियाणा सबसे आगे है। बारह वर्ष बाद एसवाईएल का फैसला भी हरियाणा के पक्ष में आया है। बाजरा व सरसों की एमएसपी पर सर्वाधिक खरीद इसका प्रमाण है कि राव सहित भाजपा नेता किसानों की पूरी चिंता करते हैं।
पूनम ने कहा कि इंसाफ मंच की बातें उठाना बेमानी है। इंसाफ मंच था, है और रहेगा, मगर इसका कार्यक्षेत्र सामाजिक है। देश की एकता व अखंडता के बड़े हित को देखते हुए राव ने मंच को राजनीतिक दल बनाने की बजाए मोदी को मजबूत करने का फैसला लिया था। राव ने पीएम से मिलकर एम्स की घोषणा उस समय करवाई, जब सीएम की घोषणा अटक गई थी। उन्होंने कहा कि पीएम व सीएम के सामने ठोस पैरवी ताकतवर नेता करते हैं जबकि कमजोर चापलूसी करते हैं।
अंगुली पकड़कर चलना सिखाया
भाजपा की टिकट पर विस चुनाव लड़े सुनील यादव मुसेपुर ने भी अपने बयान में अधिकांश वही बातें कही जो पूनम ने कही है। सुनील ने कहा कि सतीश ने राव की अंगुली पकड़कर राजनीति सीखी है, मगर नप चुनाव में मिली पराजय को वह पचा नहीं पा रहे हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय, रक्षा विश्वविद्यालय, सैनिक स्कूल, इलेक्ट्रिक ट्रेन, सड़कों का जाल व थोक के भाव नौकरी राव के कार्यकाल में हुए विकास को दर्शाते हैं।
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