Move to Jagran APP

अरावली पर्वत श्रृंखला में पौधों को जीवन दे गई मानसून के बाद की वर्षा, ट्रेंच विधि हुई कामयाब

अरावली पर्वत श्रृंखला में पौधों को जीवन दे गई मानसून के बाद की वर्षा इस बार ट्रेंच विधि से अरावली में किया था बीजारोपण वर्षा आने से अधिकांश बीजों में हुआ फुटाव-वन विभाग नहीं पड़ी पौधों को संभालने की जरूरत विभागीय अधिकारी तैयार कर रहे हैं रिपोर्ट

By Babli KumariEdited By: Published: Thu, 06 Oct 2022 03:53 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 03:53 PM (IST)
अरावली पर्वत श्रृंखला में पौधों को जीवन दे गई मानसून के बाद की वर्षा, ट्रेंच विधि हुई कामयाब
अरावली पर्वत श्रृंखला में पौधों को जीवन दे गई मानसून के बाद की वर्षा

रेवाड़ी, अमित सैनी। मानसून पूर्व और मानसून के दौरान भले ही इस बार एनसीआर में अच्छी वर्षा नहीं हो पाई थी लेकिन मानसून समाप्त होने के पश्चात एक सप्ताह पूर्व लगातार चार दिनों तक हुई वर्षा ने सभी को चौंकाने का काम किया है। भारी वर्षा और जलभराव के कारण किसानों को भले ही नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन अरावली पर्वत श्रृंखला को इस वर्षा से बहुत अधिक लाभ हुआ है।

loksabha election banner

ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून के बाद हुई इस वर्षा ने अरावली पर्वत श्रृंखला के लाखोें पौधों को नवजीवन दिया है। वर्षा के बाद अरावली हरियाली से लदी पड़ी है और पर्यावरण के लिहाज से यह काफी बेहतर है।

पहाड़ में बनाई गई नालीनुमा दरारें

ट्रेंच विधि हुई कामयाब, वन विभाग के प्रयास सफलवन विभाग की ओर से अरावली पर्वत श्रृंखला में हर बार मानसून से पूर्व बीजों का या तो छिड़काव कराया जाता है या फिर कच्ची जगहों पर पौधारोपण किया जाता है। इस बार विभाग की ओर से ट्रेंच विधि से पहाड़ी क्षेत्र में बीजरोपण किया गया। नालीनुमा दरारें पहाड़ में बनाई गई और उनमें बीजों को डाला गया। उम्मीद यही थी कि वर्षा आएगी तो दरारों में पानी भरेगा जिससे पौधों को लंबे समय तक खुराक मिलेगी और पौधे जलेंगे भी नहीं।

वर्षा से मिला अरावली की पहाड़ियों को लाभ

इस बार मानसून के दौरान कम वर्षा हुई जिससे लगने लगा था कि अरावली में पौधों को खासा नुकसान होने वाला है। वहीं मानसून के बाद सितंबर माह में जो गर्मी होती है उसमें ही सबसे ज्यादा पौधे जलते हैं और पेड़ों पर भी खुश्की छा जाती है। 20 सितंबर के बाद शुरू हुई वर्षा ने विभागीय अधिकारियों की चिंता को दूर कर दिया क्योंकि इस वर्षा का सर्वाधिक लाभ अगर कहीं हुआ है तो वह अरावली की पहाड़ी है। वर्षा के बाद विभागीय अधिकारियों ने दो दिन पूर्व ही पहाड़ी का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि जो हजारों बीज उन्होंने अरावली की पहाड़ियों में लगाए थे उनमें फुटाव हो गया है।

इस मौसम में सबसे अधिक पौधों को नुकसान

वर्षा ने अरावली के लाखों पौधों को नया जीवन दिया है। इस मौसम में हर बार सबसे अधिक पौधों को नुकसान होता है लेकिन अच्छी वर्षा होने से अरावली हरी भरी नजर आ रही है। खेरी, अमलतास, जंगल जलेबी सहित अन्य पौधों के बीज हमने पहाड़ी में डाले थे जिनमें फुटाव हो गया और पौधे दरारों से बाहर आ गए हैं। सिर्फ रेवाड़ी ही नहीं साथ लगते गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी अरावली पर्वत श्रृखला में इसका लाभ हुआ है क्योंकि उक्त जिलों में भी बेहतर वर्षा हुई है। हमने अधिकारियों को वर्षा के बाद की रिपोर्ट भेजी है।-सुंदरलाल, वन मंडल अधिकारी

यह भी पढ़ें- Rewari News: पूर्व विधायक रामेश्वर दयाल ने छोड़ी कांग्रेस, छोड़ने की यह है वजह

यह भी पढ़ें- Rewari News: दीपावली से पहले जगमगाएगा शहर, नगर परिषद खरीदेगी दो हजार लाइटें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.