शीतल टीका प्रणाली से विभाग सभी थोक भंडारण कक्षों की एक डैशबोर्ड से ही कर सकेगा निगरानी
स्श्रद्घह्ल 1ड्डष्ष्द्बठ्ठद्ग ह्य4ह्यह्लद्गद्व द्बठ्ठ श्चड्डठ्ठद्बश्चड्डह्ल ड्डद्यद्यश्र2ह्य ह्लद्धद्ग स्त्रद्गश्चड्डह्मह्लद्वद्गठ्ठह्ल ह्लश्र द्वश्रठ्ठद्बह्लश्रह्म ड्डद्यद्य ढ्डह्वद्यद्म ह्यह्लश्रह्मड्डद्दद्ग ह्मश्रश्रद्वह्य द्घह्मश्रद्व श्रठ्ठद्ग स्त्रड्डह्यद्धढ्डश्रड्डह्मस्त्र श्रठ्ठद्य4
जागरण संवाददाता, पानीपत :
गलघोटू व मूंह-खुर दुधारू पशुओं की छूत की जानलेवा बीमारियां है। पशुधन को इन दोनों बीमारियों से बचाने के लिए पशुपालन विभाग प्रदेश के लगभग 60 लाख दुधारू पशुओं को वर्ष में दो बार मूंहखुर व गलघोंटू का संयुक्त टीका लगा रहा है। अन्य टीकों की तरह यह टीका भी तापमान के प्रति अत्यंत संवेदनशील होता है। टीके का भंडारण 2 से 8 सेल्सियस तापमान में किया जा सकता है। इससे अधिक तापमान पर टीका निष्प्रभावी हो सकता है।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. संजय आंतिल ने बताया कि संयुक्त टीके की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभाग में इनके थोक भंडारण के स्थानों पर विशेष प्रणाली स्थापित की है। शीतल टीका नामक यह प्रणाली क्लाउड आधारित है। जो भंडारण कक्ष के तापमान की वास्तविक समय में बारीकी से निगरानी करती है। जो तापमान के निर्धारित सीमा से ऊपर या नीचे जाने की स्थिति में अपने आप संबंधित कर्मचारी या अधिकारी के मोबाइल पर चेतावनी भेज देती है। ताकि उपयोगकर्ता शीतल कक्ष में तत्काल जरूरी सुधार सके। यदि संबंधित कर्मचारी द्वारा निर्धारित समय में भंडारण कक्ष के तापमान को दुरुस्त नहीं किया जाता तो प्रणाली खुद विभाग के आला अधिकारियों को भी अलर्ट भेज देती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक भंडारण स्थल पर एक विशेष उपकरण स्थापित किया जाता है। जो इंटरनेट के माध्यम से क्लाउड सर्वर से जु़ड़ा रहता है। उपकरण में एक थर्मल सेंसर लगा होता है जो 0.5 डिग्री सेल्सियस की सटीकता के साथ हर 5 मिनट के अंतराल पर तापमान रिकार्ड करके डेटा को क्लाउड सर्वर पर प्रेषित करता है। तापमान का पूरा ब्योरा एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से देखा जा सकता है। उपनिदेशक ने बताया कि प्रथम चरण में शीतल टीका की कुल 140 इकाईयों की खरीद की गई है। पांच वर्षों तक सभी खर्चों को मिला कर इस प्रणाली के एक यूनिट की लागत मात्र 30 हजार आई है। उन्होंने बताया कि शीतल टीका प्रणाली से विभाग के सभी थोक भंडारण कक्षों की केवल एक डैशबोर्ड के माध्यम से निगरानी करना संभव हो गया है। पशुपालन के क्षेत्र में इस प्रणाली को लागू करने वाला हरियाणा संभवत: देश का प्रथम प्रदेश है। आंतिल ने कहा कि आने वाले समय में शीतल टीका प्रणाली राज्य में मूंहखुर व गलघोंटू आदि रोगों के प्रभावी नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।