करोड़ों की जीएसटी फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड की तलाश, फर्जी फर्म बनाकर की धोखाधड़ी
अंबाला में जीएसटी फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की हेराफेरी करने वाले मास्टरमाइंड की पुलिस को तलाश है। अभी तक इस मामले में महज एक आरोपित ही पुलिस के हत्थे चढ़ा है। फर्जी फर्म बनाकर करीब बारह करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया था।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। गुड्स एंड सर्विस टेस्ट (जीएसटी) के नाम पर हुए करोड़ों के खेल का मास्टरमाइंड अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। इस खेल को इस तरह से खेला गया कि अब तक मात्र एक आरोपित ही पकड़ा गया है। इस से भी अभी तक उस मास्टरमाइंड का पता नहीं चल पाया है जिसने यह सारा खेल खेला है। पुलिस के लिए यह चुनौती बना है कि वह कैसे मास्टरमाइंड तक पहुंचे। अब तक पकड़े गए आरोपित से पुलिस कोई खास राज नहीं उगलवा सकती है। जिस तरह से यह खेल खेला गया, उसमें आबकारी एवं कराधान विभाग की भी लापरवाही सामने आ रही है। अब इस मामले में पकड़ में आए आरोपित राजेश कुमार निवासी मंडी गोबिंदनगर जिला फतेहगढ़ साहिब पंजाब से पूछताछ की जा रही है, जबकि मास्टरमाइंड प्रदीप का अभी तक कुछ पता नहीं है।
इस तरह से खेला गया खेल
प्रदीप ने अपना पता मैसर्ज प्रदीप रेल विहार अंबाला कैंट में दिखाकर जीएसटी नंबर ले लिया था, जबकि प्रदीप का ऑनलाइन रिकार्ड में एड्रेस दशमेश कालोनी, मंडी गोबिंदगढ़ पंजाब दिखाया था। कारोबार लोहे के कबाड़ की खरीद फरोख्त का दिखाया गया था। इसी में सारा खेल कर दिया गया। जून 2018 से लेकर जनवरी 2019 तक शातिरों ने 12,53,25,252 रुपये की राशि के ई-वे बिल आदि जारी कर दिए। इतना ही नहीं करीब दो करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ भी ले लिया। इसी आधार पर संबंधित विभाग ने जब छानबीन शुरू की, तो परतें खुलती गईं।
मास्टरमाइंड प्रदीप की तलाश तेज
पुलिस को इस खेल के मास्टरमाइंड प्रदीप की तलाश है, लेकिन प्रदीप के बारे में अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है। प्रदीप ने किस तरह से इस खेल का जाल बुना, कौन इसमें उसके साथी हैं, क्या प्रदीप को आगे रखकर किसी और ने यह खेल खेला है। इन सभी का जवाब तभी मिलेगा, जब प्रदीप पुलिस के हत्थे चढ़ेगा। फिलहाल पुलिस गिरफ्तार किए गए आरोपित राजेश से पूछताछ कर रही है।