खून के रिश्तों पर भारी अवैध संबंधों की खुमारी, अपनों के कातिल बन रहे अपने
हरियाणा में खून के रिश्ते पर अवैध संबंध की खुमारी में भारी पड़ रही है। अवैध संबंधों के कारण लोग अपने मासूम बच्चों तक को मार देते हैं। इन घटनाओं से ...और पढ़ें

पानीपत, [विनोद त्यागी]। अवैध संबंधों के कारण परिवार टूटने के मामले तो अाम तौर पर सामने आते रहे हैं लेकिन अब इसने हिंसक रूप ले लिया है। लोग जिस कदर बर्बर हाे रहे हैं, उससे खून के रिश्ते भी महफूज नहीं दिख रहे और इस पर गंभीर सवाल पैदा हो गए हैं। कुरुक्षेत्र के एक व्यक्ति ने अवैध संबंध को परवान चढ़ाने के लिए भाई से अपने तीन मासूम बच्चों की हत्या करवा दी। इस घटना ने लोगों के दिल दहला दिए। इसी तरह पानीपत में पति ने पत्नी को मार डाला तो जींद में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। इन घटनाओं ने खून के रिश्ते को भी खूनी बना दिया है।
हरियाणा में बढ़ रही समाज को तोड़ने वाली घटनाएं, पीडित परिवारों की बिगड़ रही हालत
हरियाणा में कुछ समय से इस तरह घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इससे समाजिक व्यवस्थाओं पर सवाल उठाने के संग शून्य होते मानवीय संवेदनाओं का स्पष्ट संकेत दिया है। सामाजिक मामलोंं जानकारों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बेहद चिंताजनक है और इससे अविश्वास का अंधकार घना हो रहा है।
कुछ प्रमुख घटनाएं -
पिता और चाचा ने ली तीन मासूमों जान
पिछले रविवार को कुरुक्षेत्र के सारसा गांव में सोनू मलिक व उसके अपने चचरे भाई जगपाल मलिक ने अपनी दरिंदगी से पिता और संतान के बीच संबंध को कलंकित कर दिया। सोनू मलिक ने अवैध संबंध के चक्कर में चचेरे भाई से 11 साल, आठ साल और चार साल के अपने तीन मासूम बच्चों की हत्या करा दी।

मारे गए तीन बच्चे (ऊपर) और हत्या का आरोपी चाचा जगदीप व विलाप करती मां (नीचे)।
सोनू का शिमला की एक महिला से अवैध संबंध था और वह उससे शादी करना चाहता था। इसी कारण उसने अपने तीन बच्चों 11 साल के बेटे समीर, आठ साल की बेटी सिमरन और चार साल के बेटे समर की हत्या कर दी। चाचा जगपाल तीनों बच्चों को पंचकूला के मोरनी के पहाडि़यों में घुमाने ले गया आैर गाेली मार कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव वहीं जंगलों में फेंक दिया। इसके बाद सोनू की साजिश पत्नी सुमन की हत्या करने की थी।
पानीपत में कर दी थी पत्नी की हत्या
उत्तर प्रदेश के जिला बांदा के गाव निबोरा निवासी संजय उर्फ पप्पू हाल पता एकता विहार कालोनी को शक था कि उसकी पत्नी तिलिया के उसके दोस्त के साथ अवैध संबंध हैं। इसी वजह से संजय ने 12 अक्टूबर की शाम को पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। संजय की शादी वारदात के छह महीने से पहले हुई थी।
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कैथल में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिल की दो हत्या
गढ़ी गांव में एक महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर जमीन के लालच में पहले तो अपने पति की हत्या की ओर बाद में अपने ससुर का गला दबाकर हत्या कर दी थी। पति की मौत का किसी को शक न हो, इसलिए हत्या कर शव सड़क पर डाल दिया था, ताकि मौत सड़क दुर्घटना लगे। बाद में जांच के दौरान पुलिस महिला को प्रेमी सहित गिरफ्तार कर लिया था। इसी प्रकार कैलरम गांव में भी एक महिला ने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या कर दी थी। बाद में वह प्रेमी के साथ घर से फरार हो गई।

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आवेश पर काबू पाना जरूरी
पानीपत के मनोचिकित्सक डॉ. सुदेश खुराना का कहना है कि कुछ लोग परिवार, समाज, धर्म व मानवता की भलाई के लिए तो कुछ सिर्फ अपने लिए जीते हैं। हवस या धन-दौलत के चक्कर में कई लोग परिवार या जीवन साथी को दरकिनार कर अन्य से संबंध स्थापित कर लेते हैं। यह परिवार के लिए तो घातक है ही, समाज को भी छिन्न-भिन्न कर रहा है। ऐसे लाेगों के दिमाग में बस एक ही बात घूमती रहती है कि रास्ते के रोड़े को कैसे हटाया जाए। बेहतर होगा के खुद की इंद्रियों पर नियंत्रण रखा जाए। ऐसे हालात व सोच से निकलने में दिक्कत है तो परिवार व मनोचिकित्सक से परामर्श लें।
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समाज को नकारने से बढ़ीं घटनाएं
करनाल में कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थित परामर्श केंद्र के पूर्व अध्यक्ष व मनोचिकित्सक डॉ. जगतार सिंह निंबड़ के मुताबिक जब से समाज के ताने-बाने को नकार दिया गया है, इस प्रकार की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। लोगों के दिल में अपनों के प्रति इज्जत व लगाव कम हो रहा है। कोई घटना किसी व्यक्ति के साथ हो रही है तो वह अपनी बात को समाज में नहीं रख पाता है, धीरे-धीरे ये बातें दिमाग में बैठ जाती हैं। इसके बाद वह उससे निपटने के लिए अपराध का सहारा लेता है। हालांकि महिलाओं में स्थिति इसके विपरीत है।
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डॉ. निंबड़ के अनुसार, समाज में अभी भी बहुत से ऐसे मामले हैं जिनमें शादी के वक्त लड़की की बात नहीं सुनी जाती है। उन्हें अपनी बात रखने की आजादी बहुत कम है। ऐसे मेंं रिश्तों की नींव कमजोर हो जाती है और बाद में यह आपराधिक घटनाओं में तब्दील हो जाती है। डॉ. जगतार के मुताबिक, आज की आधुनिकता की दौड़ में संवादहीनता बढ़ रही है। जो घातक साबित हो रहा है। समाज को उदार होकर आगे आने की जरूरत है।

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