पंजाब में 19 हजार से ज्यादा कबूतरबाज सक्रिय, कइयों के 'लंदन ड्रीम्स' को लगा रहे चूना
पंजाब में विदेश जाने का क्रेज है व इसका फायदा फर्जी ट्रेवल एजेंट उठा रहे हैं। इनके चक्कर में लोग बुरी तरह फंस जाते हैं। आप भी विदेश जाने की तैयारी मे ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। कहीं आप भी तो फर्जी ट्रेवल एजेंट के चंगुल में तो नहीं फंस गए हैं या विदेश जाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा है तो यह खबर आपके लिए ही है। दरअसल, पंजाब में लोगों में विदेश्ा जाने का चलन या शौक सबसे ज्यादा है। लाेग किसी तरह विदेश जाना चाहते हैं। इसका फायदा फर्जी ट्रेवल एजेंट खूब उठा रहे हैं और इनके द्वारा अक्सर लोग ठग जाते हैं। ऐसे मामले लगातार सामने अाने के बाद भी पंजाब में फर्जी ट्रेवल एजेंटों का काम धड़ल्ले से जारी है। पंजाब में 19 हजार से अधिक कबूतरबाज सक्रिय हैं और लोगों के 'लंदन डीम्स' यानि विदेश जाने के अरमान को चूना लगा रहे हैं।
सरकार की घोषणाएं, कानून व एक्ट विदेश जाने के सपने देखने वाले लोगों को इनके जाल में फंसने से नहीं बचा पा रहे। सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के बावजूद पांच वर्षों में ट्रेवल एजेंटों के पंजीकरण को लाजिमी नहीं बनाया जा सका है।
पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में पंजाब ट्रेवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट 2012 बनाकर खानापूर्ति कर दी थी। इसके बाद 2017 में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने बीते आठ महीनों में फर्जी ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजतन सूबे में एक बार फिर से फर्जी ट्रेवल एजेंटों का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है और मासूम इनके मकडज़ाल में फंस रहे हैं।
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दोआबा में सबसे ज्यादा ठगी
पंजाब में ट्रेवल एजेंट्स का सबसे ज्यादा धंधा दोआबा में है। जालंधर में सबसे ज्यादा ट्रेवल एजेंट हैं। यहां के गांव-गांव में एजेंटों ने अपना जाल फैला लिया है। दलालों के जरिए फर्जी तरीके से विदेश भेजने का गोरखधंधा तेजी से चल रहा है। पूर्व सरकार ने हर जिले में ट्रेवल एजेंटों का पंजीकरण अनिवार्य किया था। 30 जून 2015 तक पंजीकरण की अंतिम तारीख रखी गई थी। अकेले जालंधर में पंजीकरण के अंतिम दिन 379 ट्रेवल एजेंटों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया था।
इसके बाद सरकार ने भी इस दिशा में लापरवाही बरतनी शुरू कर दी और ट्रेवल एजेंटों ने एक्ट के खिलाफ अदालत की शरण ले ली। अब सूबे में कांग्रेस सरकार आने के आठ महीने में भी घोषणा के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। पंजाब के विभिन्न जिलों से आए दिन फर्जी ट्रेवल एजेंटों के जाल में फंसे लोगों के परिजन सरकार से उन्हें वापस लाने की गुहार करते रहते हैं।
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में घोषणा की थी कि सत्ता में आने के बाद फर्जी ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। जालंधर में 10 में से पांच लोग अवैध तरीके से भेजे जाते हैं। ज्यादातर सऊदी अरब में फंसे हैं। करीब 20 को वापस लाया जा चुका है। पिछले दिनों सामने आए कुछ मामले ये हैं-
- नवांशहर में हाल ही में राहों के गांव गढ़ी फतेह खां की मां गुरबख्श कौर व बेटी रीना को गलत जानकारी देकर विदेश भेजने का मामला सामने आया था। वह दोनों वापस आ गई हैं। इसके अलावा करीब 4 साल पहले सऊदी अरब गया गांव मल्लपुर का युवक ओंकार सिंह अभी विदेश में ही है।
- होशियारपुर से विदेश में चार लोग फंसे हैं। दो लोग बहामास में और दो पनामा में। ये युवक टांडा व मुकेरियां के गांवों के रहने वाले हैं। गांव परीका का सरबजीत सिंह व अब्दुलापुर का इंद्रजीत बहामास में लापता है। उनके अलावा लखविंदर सिंह व गुरप्रीत सिंह पनामा में जाकर लापता हो गए। सऊदी अरब में गांव बोदल कोटली की रीना सऊदी अरब में फंसी थी, लेकिन वह विदेश मंत्रालय की पहल से लौट आई है।
- गुरदासपुर से तीन लोग इराक में फंसे हैं। एक हरजीत मसीह वापस आ चुका है। उनका कोई सुराग नहीं मिल रहा। इसके अलावा दीनानगर के गांव बयानपुर का गुरदीप सिंह बहामास में तीन माह से लापता है।
पुलिस कार्रवाई कर रही है: डीजीपी
डीजीपी सुरेश अरोड़ा का कहना है कि फर्जी ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ शिकायत मिलने पर पुलिस तत्काल कार्रवाई कर रही है। इस बारे में सभी जिलों को आदेश जारी किए जा चुके हैं कि किसी भी फर्जी ट्रेवल एजेंट के खिलाफ अगर कोई शिकायत आती है, तो तत्काल एक्शन लिया जाए। लोगों को भी थोड़ा जागरूक होने की जरूरत है कि वह फर्जी ट्रेवल एजेंटों के जाल में न फंसें। पहले उनका पंजीकरण नंबर जानें और उनके बारे में पुलिस से या जिला प्रशासन से जानकारी लें।

ऐसे बनाते हैं ठगी का शिकार
1. फर्जी तरीके से विदेश भेजने का कारोबार करने वाले ज्यादातर ट्रेवल एजेंटों ने अपने आगे दलालों को काम सौंप रखा है।
2. फर्जी मामलों के ज्यादातर केस यह दलालों के जरिए बुक करते हैं।
3. दलाल से विदेश जाने के लिए इच्छुक व्यक्ति के बारे में सारी जानकारी एकत्र की जाती है।
4. पारिवारिक जानकारी के अलावा उसका कितना रसूख है। यह जानकारी भी जुटाई जाती है।
5. 90 फीसदी फर्जी ट्रेवल एजेंट पहले कोई चार्ज नहीं लेते हैं, जबकि दूसरे ट्रेवल एजेंट विदेश जाने के लिए पहले कंसल्टेंसी फीस के रूप में 5 से 10 हजार रुपये ले लेते हैं।
6. फर्जी ट्रेवल एजेंट पहले ग्राहक से किस देश में जाना है उसकी जानकारी लेते हैं। फिर वहां पर जाकर संबंधित की योग्यता अनुसार क्या-क्या काम कर सकता है आदि जानकारी देकर उसे अपने जाल में फंसाते हैं।
7. इसके बाद उससे पैसे लेते हैं। फर्जी ट्रेवल एजेंट पहले ग्राहकों को दो तीन छोटे-छोटे देशों में भेज कर हजारों रुपये की कमाई कर लेते हैं। इन देशों में थाईलैंड, मलेशिया, श्रीलंका पहली पसंद हैं। यहां पर वीजा की समस्या नहीं होती है और पर्यटक वीजा तत्काल मिल जाता है।
8. तय समय में एजेंट ग्राहक से भारत वापस लौटने को कहते हैं। इससे पासपोर्ट पर दो तीन देशों के वीजा का स्टैंप लग जाती है। इसका लाभ एजेंटों तो तब मिलता है जब आप किसी बड़े देश में जाते हैं।
9. एजेंट विदेश में अपने दलालों के संपर्क नंबर देकर ग्राहकों को भेज देते हैं। विदेश पहुंचते ही ट्रेवल एजेंटों के दलाल ग्राहकों को अपने साथ कर लेते हैं।
10. इसके बाद उन्हें नौकरी दिलवाने के नाम पर उनके साथ मोटी ठगी की जाती है।
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वर्किंग वीजा के बिना ही चले जाते हैं ज्यादातर लोग
फर्जी ट्रेवल एजेंटों के मकडज़ाल में फंसने वाले ज्यादातर लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं। दलालों के भरोसे व ट्रेवल एजेंटों के दिखाए सपनों में यह उलझकर वे वीजा के बारे में जानकारी नहीं लेते। खास तौर पर खाड़ी देशों में बिना वर्किंग वीजा के जाने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। इन्हें शेखों के हवाले कर दिया जाता है। शेख खरीदे गए लोगों से अपनी मर्जी के हिसाब से काम करवाते हैं और ज्यादातर मामलों में पैसा वसूलने के लिए लोगों को बंधक बना लेते हैं।

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फर्जी ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कारवाई का ब्लू प्रिंट तैयार करने के आदेश
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फर्जी ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ ब्लू प्रिंट तैयार करने आदेश दिए हैं। उन्होंने फॉरेन इंप्लॉयमेंट ब्यूरो खोलने के भी आदेश दिए। कैप्टन ने कहा कि विदेश में जहां भी ज्यादा संख्या में पंजाबी रहते हैं, वहां ब्यूरो खोलकर उन्हें जागरूक किया जाए, जिससे वह फर्जी ट्रेवल एजेंटों के जाल में न फंसे। कैप्टन ने कहा कि पंजाब से काफी संख्या में लोग ब्रिटेन जाकर बसे हैं।
उन्होंने कहा कि ब्यूरो की ओर से पंजाबियों को उनकी शिक्षा के अनुसार किस-किस देश में कानूनी तौर पर काम के सिलसिले में भेजा जा सकता है, इसकी जानकारी दी जाए। साथ ही फर्जी तरीके से ब्रिटेन गए लोगों को वापस भारत कैसे भेजा जा सकता है, इस बारे में जागरूक करें।

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