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विशाल जूड को आस्ट्रेलिया में राष्ट्रभक्ति पड़ी भारी, भाजपा ने भी मोड़ा मुंह

विशाल को लेकर गुस्सा पूरे हरियाणा में बढ़ता जा रहा है। यह गुस्सा केंद्र सरकार के प्रति भी है और हरियाणा सरकार के प्रति भी। हां हरियाणा सरकार के प्रति कुछ अधिक है क्योंकि लोगों का मानना है कि उनकी आवाज केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 10:20 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 04:11 PM (IST)
आस्ट्रेलिया में जेल में बंद विशाल जूड की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोग। फाइल

पानीपत, जगदीश त्रिपाठी। विशाल जूड। आस्ट्रेलिया में रोजी-रोटी की तलाश में गया करनाल का एक राष्ट्रभक्त युवक, लेकिन राष्ट्रभक्ति ही उसे भारी पड़ गई। वह वहां जेल में बंद है। उसका दोष सिर्फ इतना है कि उसने वहां खालिस्तानियों का विरोध किया। खालिस्तान समर्थक मोदी विरोधी और भारत विरोधी नारे लगा रहे थे। उसने तिरंगा फहराकर अपने देश के प्रति प्रेम का प्रदर्शन किया। यह खालिस्तानियों को नागवार गुजरा। उन्होंने उसके साथ मारपीट की। उसे जेल में बंद करा दिया। विशाल उस समुदाय से आता है, जिसे रोड़ कहा जाता है। रोड़ वास्तव में मराठे हैं। 1761 में मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ और विदेशी आक्रांता अहमदशाह अब्दाली के बीच हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठा सेना की पराजय के बाद बहुत से मराठे मारे गए। कुछ वापस महाराष्ट्र चल गए, लेकिन कुछ यहीं बस गए। सोनीपत, पानीपत, करनाल और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर के कुछ हिस्सों में उनके कई गांव हैं।

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विशाल जूड के साथ आस्ट्रेलिया में जो अन्याय हुआ और हो रहा है, उसको लेकर इस समुदाय में खासा गुस्सा है। वैसे गुस्सा तो हर समुदाय में है, लेकिन हरियाणा सरकार विशाल को लेकर जिस तरह से उपेक्षा का रवैया अपना रही है, गुस्सा और बढ़ता जा रहा है। रोड समुदाय के अतिरिक्त ब्राrाण और क्षत्रिय समुदाय के लोग प्रदर्शन कर चुके हैं। इंटरनेट मीडिया पर रिहाई के लिए अभियान चला रहे हैं, करनाल के सांसद संजय भाटिया यह वादा भी कर चुके हैं कि वह विशाल की रिहाई  को लेकर केंद्र सरकार से बात करेंगे, लेकिन अभी तक विशाल की रिहाई के लिए केंद्र अथवा हरियाणा सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं, क्या प्रयास किए गए हैं, यह कोई नहीं जानता।

लगभग पंद्रह दिन पहले करनाल में विशाल को न्याय दिलाने के लिए महापंचायत हुई थी। उसमें भाजपा के दिग्गज नेता और करनाल के सांसद संजय भाटिया भी पहुंचे थे। उन्होंने महापंचायत में वादा किया था कि वह विशाल की रिहाई के लिए केंद्र सरकार से बात करेंगे। रेखांकित करने वाली बात यह भी है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का निर्वाचन क्षेत्र भी करनाल ही है, लेकिन अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक राष्ट्रभक्त युवक को आस्ट्रेलिया में मिल रही यातना उन्हें भी नहीं उद्वेलित कर रही है। ऐसा भी नहीं कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी न हो। भाजपा के नेताओं में संजय भाटिया उनके सबसे खास माने जाते हैं। करनाल में रोज विशाल की रिहाई की मांग के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय रेसलर से भाजपा नेता बने योगेश्वर दत्त और बबीता फौगाट अपने ट्विटर हैंडल से विशाल के पक्ष में आवाज भी उठा चुके हैं। बबीता ने तो घटना की वीडियोक्लिप भी पोस्ट की है।

इस प्रकरण से क्षुब्ध लोगों का प्रश्न है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में नारे लगा रहे खालिस्तान समर्थकों के बीच तिरंगा फहराकर विशाल ने अपराध किया है। खालिस्तानियों ने उस पर हमला किया। उसे मारापीटा और गिरफ्तार भी करा दिया। उसकी जमानत भी नहीं होने दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि आस्ट्रेलिया में रहने वाले खालिस्तानी संपन्न हैं, वे वहां तो भारत विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेते ही हैं, भारत में भी खालिस्तान समर्थकों की मदद करते हैं। 

शायद विशाल को उनकी ताकत का अंदाजा नहीं रहा होगा, लेकिन रोड समुदाय के लोग इस बात से सहमत नहीं। उनका कहना है कि विशाल सब जानता-समझता है, लेकिन भारत विरोधियों को मुंहतोड़ उत्तर देने की हममें प्रवृत्ति नहीं, प्रकृति है। देशभक्ति हमारे डीएनए में है। ये मराठे ही थी जो एक विदेशी आक्रांता से देश को बचाने के लिए महाराष्ट्र से यात्र कर पानीपत पहुंचे थे। यह उसी डीएनए का कमाल है कि नीरज चोपड़ा भाला फेंकने जैसा खेल खेलते हैं, कोई शाही खेल नहीं खेलते।

वे इस बात से और क्षुब्ध हैं कि खालिस्तान समर्थक हरियाणा में भी कृषि सुधार कानून विरोधी आंदोलन की आड़ में सक्रिय हैं। सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। वे यहां तक कह चुके हैं कि हमने इंदिरा मार दी तो मोदी क्या चीज है। इसके बावजूद उनको तमाम तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वालों के, पोस्टर लहराने वालों के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भरे पड़े हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं होती। जब यहां भारत में उनका मिजाज इतना बढ़ा हुआ है तो आस्ट्रेलिया में कितना बढ़ा होगा, इसका अनुमान सहज लगाया जा सकता है।

विशाल को लेकर गुस्सा पूरे हरियाणा में बढ़ता जा रहा है। यह गुस्सा केंद्र सरकार के प्रति भी है और हरियाणा सरकार के प्रति भी। हां, हरियाणा सरकार के प्रति कुछ अधिक है, क्योंकि लोगों का मानना है कि उनकी आवाज केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार और उसके प्रतिनिधियों की है। 

[हरियाणा स्टेट डेस्क प्रभारी]


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