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माल ढुलाई से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएगा रेलवे, पिछली बार बनाया था रिकार्ड, इस बार भी कसी कमर

लाकडाउन में देश के राज्य से दूसरे राज्य तक अन्न पहुंचाने में अहम भूमिका रहे। माल ढुलाई में पिछली बार रेलवे ने रिकार्ड बनाया। इस बार भी भारतीय रेलवे ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 08:11 AM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 02:47 PM (IST)
भारतीय रेलवे माल ढुलाई से पटरी पर लाएगी अर्थव्यवस्था। सांकेतिक फोटो

अंबाला [दीपक बहल]। कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित रही, लेकिन रेलवे ने खाद्यान्न और जरूरी वस्तुएं एक राज्य से दूसरे राज्यों तक पहुंचा कर पिछले वर्ष माल ढुलाई में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए अपने ही पिछले सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। माल ढुलाई से ही अर्थव्यवस्था का चक्का और मजबूत करने के लिए रेलवे ने फिर से कमर कस ली है।

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वित्तीय वर्ष 2021-22 में रेल मंत्रालय ने देशभर के 17 जोन में 140 करोड़ टन ढुलाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। कोरोना महामारी के दौरान रेलवे माल ढुलाई में सर्वाधिक पसंदीदा परिवहन बनकर सामने आया है। कोयले, पेट्रोलियम, तेल, और लुब्रिकेंट्स की ढुलाई भले ही घटी हो, लेकिन लोहा, सीमेंट, अनाज, उर्वरक और कंटेनर की ढुलाई बढ़ी है। इतना ही नहीं कोरोना की दूसरी लहर में जीवनदायिनी बनी ऑक्सीजन स्पेशल को भी एक से दूसरे राज्य पहुंचाया गया।

माल ढुलाई के पिछले वित्त वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो 2018-19 में 1210.46 मिलियन टन की ढुलाई हुई, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 1210.46 और 2020-21 में 1234.64 मिलियन टन पहुंच गया। सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक ढुलाई सबसे अधिक रही। अंबाला रेल मंडल ने भी कोरोना काल में माल ढुलाई के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए।

यात्रियों से मिलने वाले किराए में आई कमी

वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में यात्रियों से मिलने वाले किराये में 78 फीसद कमी आई है। ट्रेनों में भीड़ न बढ़े इसलिए पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दे किराया बढ़ाकर पटरी पर उतारा गया, लेकिन घाटा पूरा नहीं हो सका। यात्रियों से मिलने वाली आमदनी की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष 20019-20 में 53,525.57 करोड़ रुपये थी जबकि 2020-21 में घटकर 15,507.68 करोड़ रह गई। पिछले साल के मुकाबले 71.03 फीसद कम है। अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 में यात्री भाड़े से 12,409.49 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह राशि 48,809.40 करोड़ रुपये थी।

जोनल रेलवे           ढुलाई लक्ष्य (मिलियन टन)

मध्य रेलवे           71.0     

पूर्वी रेलवे             77.5

पूर्वी मध्य रेलवे      158.7

ईस्ट कोस्ट रेलवे     226.8

उत्तर रेलवे            63.7

उत्तर मध्य रेलवे    18.9

पूर्वोत्तर रेलवे        3.2

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 9.2

उत्तर पश्चिम रेलवे 26.5

दक्षिणी रेलवे         31.4

दक्षिण मध्य रेलवे 114.9

दक्षिण पूर्व रेलवे 197.2

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 208.4

दक्षिण पश्चिम रेलवे 46.9 

वेस्टर्न रेलवे           91.6

पश्चिम मध्य रेलवे 51.4

कोंकण रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड 2.8 

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