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NewsPaper से नहीं Coronavirus फैलने का खतरा, अफवाहों पर न जाएं, घर पर मंगवाएं

अखबार को लेकर चल रहीं अफवाहों पर न जाएं। इससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा नहीं होता है। कर्मयोगी ऐसी विषम परिस्थिति में भी आप तक देश दुनिया की खबरों को पहुंचा रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 04:16 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 04:22 PM (IST)
NewsPaper से नहीं Coronavirus फैलने का खतरा, अफवाहों पर न जाएं, घर पर मंगवाएं

पानीपत, जेएनएन। अफवाहों पर बिल्कुल ध्‍यान न दें। अखबार से कोरोना वायरस नहीं फैलता है। लगातार उड़ रहीं अफवाहों पर कई डॉक्‍टर, विशेषज्ञ और अब डब्‍ल्‍यूएचओ ने इसकी पुष्टि कर दी है। ऐसे में कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद आप तक कर्मयोगी देश दुनिया की खबरों के साथ अखबार पहुंचा रहे हैं। वे भी किसी योद्धा से कम नहीं है। वहीं कई ऐसे लोग भी हैं, जिनकी शुरुआत बिना अखबार पढ़े नहीं होती। 

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इसके बिना सब कुछ फीका 

अखबार से ही मेरे दिन की शुरूआत होती है और हर विषय को बारीकी से पढऩे की आदत बन गई है। इसके बिना सबकुछ फीका सा लगता है। ये कहना है कुरुक्षेत्र बार के वरिष्ठ अधिवक्ता पृथी का। पृथी सिंह ने बताया कि उनकी उम्र 72 वर्ष की हो गई है। वह 20-25 साल से लगातार अखबार पढ़ रहे हैं। अखबार के बिना उनके दिन की शुरूआत नहीं होती। अखबार में देश व विदेशों की जानकारी के साथ नई जानकारी भी मिलती हैं। 

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करनाल में दैनिक जागरण पढ़ते घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण।

अखबार में नहीं होता कोई वायरस

अखबार में कोरोना जैसा कोई वायरस नहीं होता। यह कुछ लोगों की फैलाई अफवाह है। लोगों को इनसे घबराना नहीं चाहिए। वे भी कोरोना वायरस की लड़ाई में योद्धा हैं। मुझे एक दिन अखबार न मिले तो खाना भी अच्छा नहीं लगता। असल में खाने से भी जरूरी अखबार पढऩा है। 

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दैनिक जागरण पढ़ते करनाल के एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया। 

सुबह की शुरुआत ही अखबार से

लॉकडाउन के दौरान घर में ही रहते हैं। सुबह ही शुरूआत आज भी अखबार पढऩे से किया जाता है। इसके बाद ब्रेकफास्ट करते हैं और फिर से अखबार पढऩा शुरू कर देते हैं। दोपहर को कुछ आराम करने के बाद अपने बच्चों के साथ समय बिताते हैं। उनकी पत्नी रोशनी उनके साथ रहती है। एक लंबे अरसे के बाद घर पर इतने लंबे समय तक रहे हैं। आज हम भौतिकवाद को छोड़कर असल जीवन जी रहे हैं। जीवन भी यही कहता है। आज लोगों का अपने घरों में ही रहना जरूरी है। लॉक डाउन के दौरान घर से बाहर निकलना देश के साथ धोखा देने बराबर होगा।

अखबार पढ़ें, सही सूचनाओं से अपडेट रहें : डॉ. गौरव

कोरोना वायरस के कारण 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। स्टूडेंट्स हों या कामकाजी लोग, 24 घंटे घर की चहारदीवारी में रहने से बोरियत महसूस हो सकती है। कहावत है कि जान है तो जहान है, इसलिए घर से बाहर तो बिल्कुल न निकलें। घर का माहौल बोझिल न लगे, इसके लिए सुबह जागने से रात्रि में सोने तक का शेड्यूल तैयार करें। इसमें घर की साफ-सफाई को जरूरत शामिल करें। मनोचिकित्सक डॉ. गौरव भटेजा ने यह सलाह देते कहा कि लॉकडाउन में सबसे अधिक बोरियत कामकाजी लोग महसूस करते हैं। ऐसे लोगों को जरूर शेड्यूल बनाना चाहिए। सुबह उठकर योग करें। नवरात्र हैं, सुबह स्नान और पूजा करें। चाहें तो व्रत भी रख सकते हैं। समय से परिवार के संग नाश्ता करें। हर घर में पुराने कपड़े होते हैं, उनको छंटाई करें। पहनने योग्य कपड़ों की धुलाई और इस्त्री करें। पुराने अखबार-रद्दी को व्यवस्थित कर रखें। अखबार पढ़ें, ताकि देश-विदेश की खबरों से अपडेट रहें। सोशल मीडिया पर कम ध्यान दें, बहुत सी अफवाहें चलती रहती हैं। टीवी पर फिल्में, मनपसंद मनोरंजक सीरियल देंखें, लेकिन अधिक टाइम नहीं। क्राइम के सीरियल कम देखें। सकारात्मक भाव बनाए रखने के लिए धार्मिक, मोटिवेशनल किताबें पढ़ें। 

पत्‍नी का हाथ बंटाए पति

डॉ. भटेजा के मुताबिक यू-ट्यूब पर ऐसी वीडियो भी देख सकते हैं। सबसे बड़ी बात, कोई शौक-रुचि जो समय नहीं मिलने के कारण पूरी नहीं हो सकी उसे पूरा करने का सबसे बेहतर समय है। शादीशुदा लोग घर में रहकर काम न बढ़ाए बल्कि पत्नी के कार्यों में सहयोग करें

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अखबार से डरे नहीं, इससे नहीं फैलता कोरोना...अपने निवास पर अखबार पढ़ते डॉ. एमएम गोयल।

अखबार में नहीं होता किसी भी तरह का वायरस

अखबार में किसी तरह का वायरस नहीं होता। यह कुछ लोगों की मनगढ़ंत बाते हैं। मैं तो अखबार पढ़े बिना अपने दिन की शुरुआत भी नहीं मानता। बचपन से अखबार पढ़ना शुरू किया और आज यहां पहुंचकर भी अखबार को उतना ही समय देता हूं। यह कहना है जगन्नाथ यूनिवर्सिटी राजस्थान के पूर्व वाइस चांसलर एवं अर्थशास्त्री प्रो. एमएम गोयल का। प्रो. एमएम गोयल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सावधानी बरतने के साथ जागरूकता की जरूरत है। हमें किसी भी सामान के लिए आपाधापी नहीं मचानी चाहिए। मैं सुबह तीन बजे उठ जाता हूं और छह बजे तक अखबार पढ़ने और लिखने का काम करता हूं। बीच में दो दिन अखबार की हार्डकॉपी नहीं मिली तो मुङो असहज लगा, लेकिन मुङो वाट्सएप पर पेपर मिल गया। इसके बाद से मुङो वाट्सएप एडिशन लगातार मिल रहा है। शुक्रवार को कई दिन बाद अखबार की हार्ड कॉपी मिली। मुङो बहुत अच्छा लगा। मैंने कई घंटे तक बारीकी के साथ अखबार पढ़ा। हर विषय को गहराई तक जानने का प्रयास किया। इसके बाद दोपहर कुछ देर आराम किया। शाम को फिर पढ़ाई-लिखाई शुरू कर दी। इस तरह से अपने घर में ही पूरा दिन बिताते हैं।

सुबह 9 बजे तक अखबार बांट सकेंगे कर्मयोगी

अखबार के वितरण में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जाएगी। कर्मयोगी सुबह नौ बजे तक भी अखबार वितरित कर सकेंगे तो वहीं एक अप्रैल से सुबह 11 बजे तक वे अखबार के बिल का भुगतान भी ले सकेंगे। इस संबंध में सभी अधिकारी व कर्मचारियों को आदेश दे दिए गए हैं। यह जानकारी जिला उपायुक्त निशांत यादव व एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने दी। वे दैनिक जागरण के सहयोग से शुक्रवार को करनाल के वितरकों से बातचीत कर रहे थे।

इस दौरान वितरकों ने अखबार वितरण में आ रही परेशानियों से अवगत कराया तो अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिया कि इस संबंध में पहले भी आदेश दिए जा चुके है और आज फिर से सभी को अवगत करा दिया गया है। अधिकारी व कर्मचारी उन्हें परेशान करेगा तो इसकी तत्काल सूचना उन्हें दें, जिस पर उसी समय कार्रवाई की जाएगी। वहीं एसपी एसएस भौरिया ने बताया कि वितरक अखबारों का वितरण बिना भय करें।

अखबार वितरण में समस्या को लेकर दिए आदेश: आइजी

आइजी भारती अरोड़ा ने भी भरोसा दिया कि अखबार वितरण के दौरान किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए पुलिस विभाग के सभी संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों को आदेश दिए हैं।

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