#coronafighters सफाई कर्मचारियों का दस लाख का बीमा, अनहोनी पर परिवार को सहायता
हरियाणा में काेरोना के खिलाफ जंग में हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने कोराना के मद्देनजर सफाई कर्मचारियों का 10 लाख की बीमा कराने का फैसला किया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने कोरोना को हराने की लड़ाई लड़ रहे डाक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ, नर्स तथा कर्मचारियों के साथ-साथ सफाई के काम में लगे कर्मचारियों की भी चिंता की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा की मांग पर हरियाणा सरकार ने सोमवार को फैसला किया कि यदि ड्यूुटी पर सफाई कार्य करते हुए कोई कर्मचारी अनहोनी का शिकार होता है तो उसेके परिवार को 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। राज्य सरकार इन कर्मचारियों का बीमा करा रही है।
संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टरों की तरफ मिलेगी सुविधा
हरियाणा के गृह और शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने सोमवार को यह जानकारी दी। विज ने माना कि शहरी निकाय विभाग के सफाई कर्मचारी नियमित रूप से अपनी ड्यूटी का निर्वाह कर रहे हैं। दूसरी तरफ हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश, बिहार और उडीसा के प्रवासी मजदूरों की सूची तैयार कर ली गई है, जिसे डीसी को भेज दिया गया। सभी डीसी यह सुनिश्चित करें कि उनके जिलों में स्थापित किए गए राहत शिविरों में ऐसे सभी मजदूरों से संपर्क साधकर उन्हें भोजन और दवाओं सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाएं।
मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी प्रवासी मजदूर इन राहत शिविरों से बाहर न जाएं। सभी डीसी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि अन्य राज्यों से वापस लौट रहे हरियाणा के लोगों व मजदूरों को भी 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा जाए। उन्होंने समाज सेवा के कार्यों में गैर-सरकारी संस्थाओं, स्वयं सेवकों सहित सरपंच, नंबरदार और चैकीदार से सहयोग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के मद्देनजर ईंट भट्ठों को बंद कर दिया गया है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ईंट भट्ठों पर काम करने वालों को आश्रय प्रदान किया जाए और उन्हें पर्याप्त भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जाएं।
विदेश से लौटकर गायब हुए 200 लोगों को ढूंढ़े डीसी
मुख्य सचिव ने कहा कि विदेश से लौटने वाले उन लोगों का भी पता लगाया जाए, तो अभी तक गायब हैं। ऐसे लोगों की संख्या करीब 200 है। स्वास्थ्य विभाग की सहायता से ऐसे लोगों का पता लगाने का काम पुलिस को सौंपा गया है। राज्य में मास्क और पीपीई किट की कमी न रहें, को सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल कॉलेजों को आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए ओर अधिक अधिकार दिए गए हैं।
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