हरियाणा में गन्ने के रेट दस रुपये क्विंटल बढ़े, देश में सबसे ज्यादा दाम
हरियाणा सरकार ने राज्य के गन्ना किसानों को ताेहफा दिया है। राज्य सरकार ने गन्ने की दरों में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दी है। इसके साथ हरी देश में गन्ने की दर सबसे ज्यादा हरियाणा में हो गई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों पर चल रही सियासत के बीच हरियाणा सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने राज्य में गन्ने के दामों में बढ़ोतरी कर दी है। प्रदेश सरकार ने पिछले साल गन्ने के रेट नहीं बढ़ाए थे। इस बार दिसंबर में शुरू होने वाले पेराई सत्र से ठीक पहले प्रदेश सरकार ने 10 रुपये क्विंटल के हिसाब से गन्ने के दामों में बढ़ोतरी की है। प्रदेश में अब गन्ने की अगेती किस्म का रेट 340 रुपये से बढ़कर 350 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा।
तीन कृषि कानूनों पर सियासत के बीच सरकार का अहम फैसला
देश में गन्ने का रेट हरियाणा में सबसे अधिक है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को गन्ने के दामों में बढ़ोतरी का ऐलान किया। इसके साथ ही सात जिलों में कृषि नलकूपों के लिए बिजली सप्लाई की अवधि आठ घंटे से बढ़ाकर दस घंटे की गई है। यह जिले दक्षिण हरियाणा के हैं, जहां नहरी पानी की समुचित सप्लाई नहीं होती। यहां अधिकतर जिलों में नलकूप से खेतों में सिंचाई की जाती है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया कि बाजार में चीनी के भाव पर्याप्त नहीं हैं। इसके बावजूद किसानों की मांग पर गन्ने के भाव में दस रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया गया है। यह देश में सबसे ज्यादा दाम हैं।
दक्षिण हरियाणा के सात जिलों में नलकूपों के लिए दो घंटे ज्यादा मिलेगी बिजली
केंद्र सरकार की ओर से गन्ने की एफआरपी (फेयर एंड रेमोनरेटिव प्राइज) 275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जबकि हरियाणा में विभिन्न कैटेगरी में गन्ने का रेट 330 रुपये (पछेेती), 335 रुपये (मध्यम) व 340 रुपये क्विंटल (अगेती) किस्म का है। अब इन तीनों प्रजातियों में दस रुपये की बढ़ोतरी के साथ यह रेट 340 रुपये, 345 रुपये और 350 रुपये क्विंटल हो जाएगा। प्रदेश में 11 सहकारी और तीन प्राइवेट चीनी मिले हैं। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने रविवार को गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक लेकर अधिकारियों को चीनी मिलों के पेराई सत्र शुरू कराने की तैयारियों के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश की चीनी मिलों में इस बार के पेराई सीजन 2020-21 में 754 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा गया है। यह पिछले सीजन 2019-20 में कुल पेराई किए गए 702 लाख क्विंटल गन्ने से 52 लाख क्विंटल अधिक है। सभी चीनी मिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह गन्ने से चीनी की रिकवरी बढ़ाने के लिए गंभीरता से काम करें। पेराई सीजन 2020-21 के दौरान राज्य की तीन सहकारी चीनी मिलों पलवल, महम तथा कैथल में चीनी के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता के गुड़ का उत्पादन भी ट्रायल के तौर पर शुरू किया जाएगा, जिसके परिणाम दिसंबर माह के अंत तक आ जाएंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गन्ने के रेट में बढ़ोतरी के बाद कहा कि सरकार किसान हित का हर निर्णय तत्परता से ले रही है। विपक्ष का काम केवल किसानों के नाम पर दिखावे की राजनीति करना है, जबकि सरकार किसान हित में जो भी सही होता है, उसे करके दिखाती है।
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