अाखिरकार 22 साल बाद टूटा गतिरोध, हरियाणा में सितंबर-अक्टूबर में छात्र संघ के चुनाव
हरियाणा में आखिकार 22 साल बाद छात्र संघ चुनाव होंगे। हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में छात्र संघ चुनाव सितंबर या अक्टूबर में होंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल के मुलाकात करने के तुरंत बाद हरियाणा सरकार ने राज्य में 22 साल से बंद छात्र संघ के चुनाव बहाल करने का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में विद्यार्थियों से यह वादा किया था। सत्ता में आने के चार साल बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐलान किया है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सितंबर के आखिर अथवा अक्टूबर के शुरू में छात्र संघ के चुनाव कराए जाएंगे।
भाजपा ने सत्ता में आने के चार साल बाद किया चुनावी वादा पूरा
राज्य की छात्र राजनीति के कई सुखद पहलू हैैं तो दागदार पहलू भी कम नहींं। विश्वविद्यालयों और कालेजों के कैंपस युवाओं के खून से रंगे हैैं। करीब 12 छात्र नेताओं की हत्या और हर जिले में मुकदमेबाजी से आजिज तत्कालीन हविपा-भाजपा सरकार के मुखिया चौ. बंसीलाल ने १९९६ में छात्र संघ के चुनाव पर रोक लगा दी थी। तभी से छात्र राजनीति हाशिए पर है।
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चुनाव का तरीका अभी तय नहीं, सीएम ने डीसी-एसपी को दिए निर्देश
इन 22सालों में कांग्रेस और इनेलो की सरकारें रहीं। दोनों पार्टियों के छात्र संगठन लगातार छात्र संघ चुनाव कराने की मांग करते रहे, लेकिन कोई पार्टी आज तक साहस नहीं जुटा पाई। भाजपा ने भी हालांकि हिम्मत कर अपना बड़ा चुनावी वादा पूरा किया है। अभी तक यह साफ नहीं किया गया कि चुनाव डायरेक्ट प्रणाली से होंगे अथवा मतदान के जरिये। सरकार के पास हिंसा से बचने के लिए ऑनलाइन सिस्टम के जरिये भी चुनाव कराने का विकल्प है।
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वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सीएम ने डीसी-एसपी को दी हिदायतें
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में छात्र संघ के चुनाव की तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैैं। उन्होंने डीसी-एसपी से कहा कि शांतिपूर्ण चुनाव सरकार का पहला टारगेट है। सीएम ने डीसी व एसपी को संकेत दिया कि चुनाव सितंबर अथवा अक्टूबर में होंगे।
छात्र संघ के चुनाव में नया प्रयोग करने की सिफारिश
तीन कुलपति और एक रजिस्ट्रार की कमेटी ने सरकार के समक्ष सिफारिश की है कि कुछ विश्वविद्यालयों व कालेजों में आॅनलाइन चुनाव करा लिए जाएं। प्रयोग सफल रहा तो अगले सत्र से सभी कालेजों व विश्वविद्यालयों में आॅनलाइन ही चुनाव होंगे। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला और एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा इसके हक में नहीं हैैं। दूसरी ओर, एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजेंद्र धीमान ने डायरेक्ट चुनाव की पेशकश की है।
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छात्र राजनीति से निकलीं सुषमा स्वराज राष्ट्रीय फलक पर छाईं, धर्मवीर और छत्रपाल ने हराए दो पूर्व सीएम
बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हरियाणा की छात्र राजनीति की देन हैैं।1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ हरियाणा में राजनीतिक करियर की उन्होंने शुरुआत की। दो बड़े छात्र नेताओं धर्मवीर सिंह (भिवानी से मौजूदा भाजपा सांसद) और प्रो. छत्रपाल (कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए) ने दो बड़े राजनेताओं को चुनाव में पराजित कर दिया था। 1987 में तोशाम से धर्मवीर ने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल और 1991 में पूर्व मंत्री प्रो. छत्रपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल को घिराव से चुनाव में हराया।
हरियाणा की छात्र राजनीति ने पैदा किए कई नेता
छात्र राजनीति ने कई बड़े नेताओं को जन्म दिया है। इनमें पूर्व मंत्री देवेंद्र शर्मा, निर्मल सिंह, पृथ्वी सिंह, सीपीएम नेता इंद्रजीत सिंह, पूर्व सांसद अजय चौटाला, पूर्व सीपीएस राव दान सिंह, पूर्व मंत्री एवं विधायक कर्ण सिंह दलाल, छात्र नेता संपूर्ण सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, सांसद दीपेंद्र हुड्डा और सांसद दुष्यंत चौटाला शामिल हैैं।