सफर होगा आरामदेह, रोडवेज के रूटों पर दौड़ेंगी निजी कंपनियों की एसी बसें
हरियाणा में रोडवेज के रूटों पर निजी वातानुकूलित बसें चलेंगी। हरियाणा सरकार ने इसके लिए अावेदन मांगे हैं। रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने इसका विरोध किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की सड़कों पर निजी कंपनियों की वोल्वो, मर्सिडीज बेंज और स्कैनिया एयर कंडीशन बसें उतारने की तैयारी है। परिवहन निदेशालय ने किलोमीटर स्कीम के तहत इच्छुक कंपनियों से एसी बसों के संचालन के लिए आवेदन मांगे हैं। वहीं, पिछले साल निजी बस रूट परमिटों को लेकर तीन बार चक्का जाम कर सरकार को बैकफुट पर लाने वाली रोडवेज कर्मचारी यूनियनें इस फैसले के खिलाफ उतर आई हैं।
परिवहन विभाग ने वोल्वो, मर्सिडीज बेंज और स्कैनिया एयर कंडीशन बसों के लिए मांगे ई-टेंडर
प्रदेश में फिलहाल हर दिन चंडीगढ़ से गुरुग्राम और दिल्ली के लिए हरियाणा रोडवेज की 25 वातानुकूलित बसें अप एंड डाउन करती हैं। परिवहन विभाग की योजना इंटरसिटी एसी बसें चलाने की है। निजी कंपनियों की इन बसों में एक साथ 47 यात्री सफर कर सकेंगे। ई-निविदा में शामिल होने की इच्छुक कंपनियों को 7 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कहा गया है। इससे पहले 20 फरवरी को बोलीदाताओं की चंडीगढ़ में बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभी शर्तां पर चर्चा होगी।
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उधर, ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा व राज्य महासचिव बलवान सिंह दोदवा ने कहा कि सरकार किलोमीटर स्कीम की आड़ में वोल्वो और मर्सिडीज बेंज बसों के टेंडर जारी कर रोडवेज का निजीकरण करने का प्रयास कर रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि विभाग ने फैसला नहीं बदला तो रोडवेज यूनियनों को फिर से पूरे प्रदेश में चक्का जाम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
कांग्रेस सरकार में फेल रहा प्रयोग
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी निजी कंपनियों से वोल्वो बसों को किलोमीटर स्कीम के तहत अनुबंध पर लिया गया था। परिवहन विभाग के लिए तब यह फैसला मुनाफा देने की बजाय घाटे का सौदा साबित हुआ। इसके बाद रोडवेज कर्मचारियों ने हिसार में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद मामला और तूल पकड़ गया। इस कारण पूरे प्रदेश में तीन दिन तक रोडवेज का चक्का जाम रहा।
डेढ़ साल पहले भी मांगे थे आवेदन
परिवहन विभाग ने अगस्त 2016 में भी निजी कंपनियों की मल्टी एक्सेल वोल्वो, मर्सिडीज बेंज और स्कैनिया एयर कंडीशन बसों को किलोमीटर स्कीम के तहत सड़कों पर उतारने के लिए आवेदन मांगे थे। इसी बीच 273 रूटों पर निजी बसों के संचालन का मामला तूल पकड़ गया। इसके बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। नई रूट परमिट पॉलिसी फाइनल होने के बाद अब परिवहन विभाग ने फिर से निजी कंपनियों की एसी बसें चलाने का निर्णय लिया है।
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