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हरियाणा विस के मानसून सत्र के लिए पार्टियों ने बनाई रणनीति

हरियाणा विधानसभा के तीन दिवसीय मानसून सत्र में प्रमुख विपक्षी दल इनेलो की बजाय कांग्रेस ही सत्तारूढ़ भाजपा के निशाने पर होगी। सदन में भाजपा विधायकों को जितने मुद्दे उठाने का मौका मिला है, उतने मुद्दे ही इनेलो विधायक उठा सकेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 07:30 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 11:00 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के तीन दिवसीय मानसून सत्र के लिए सभी दलों ने अपनी रणनीति तय कर ली है। भाजपा के निशाने पर कांग्रेस ही होगी। प्रमुख विपक्षी दल इनेलो भाजपा के संग कांग्रेस पर भी हमले करेगा। विधायकों को जितने मुद्दे उठाने का मौका मिला है, उतने मुद्दे ही इनेलो विधायक उठा सकेंगे। कांग्रेस विधायकों को भाजपा और इनेलो के मुकाबले आधे मुद्दे उठाने का ही मौका मिल सकेगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा की सहयोगी रही हजकां को मानसून सत्र में एक भी मुद्दा उठाने का मौका नहीं मिला है।

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विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार से आरंभ हो रहा है। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सत्र की अवधि तय होती है, लेकिन विधानसभा की साइट पर विधायकों द्वारा पूछे जाने वाले सवालों के ब्यौरे को देखकर लग रहा कि सत्र तीन दिन से ज्यादा नहीं चलने वाला है।

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भाजपा और इनेलो विधायक दलों की बैठकों में सत्र की रणनीति तैयार की गई, जबकि कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुधवार को दोपहर 12 बजे किरण चौधरी के फ्लैट पर होगी। इसमें प्रदेश प्रभारी डा. शकील अहमद, सह प्रभारी आशा कुमारी और प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर भी मौजूद रहेंगे।

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विधानसभा की साइट पर तीन दिन में विधायकों द्वारा पूछे जाने वाले तारांकित और अतारांकित सवालों का ब्यौरा दे दिया गया है। हर दिन 20 तारांकित सवाल पूछे जाएंगे। यानि तीन दिन में विधायकों द्वारा 60 सवालों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। इन तीन दिनों में भाजपा और इनेलो विधायकों द्वारा 22-22 सवाल पूछे जाएंगे, जबकि कांग्रेस विधायकों को सिर्फ 11 सवाल ही पूछने का मौका मिला है। ज्यादातर सवाल ऐसे लगे हैैं, जिनमें पिछली कांग्रेस सरकार घिरती नजर आ रही है।

इनेलो द्वारा पूछे जाने वाले सवालों में अकाली दल के एकमात्र विधायक का सवाल भी शामिल है। विधानसभा में अकाली दल समेत इनेलो विधायकों की संख्या 20 और कांग्रेस15 विधायक हैं।

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नौकरियों में भाई-भतीजावाद पर गरमाएगा सदन

विधानसभा में सरकारी नौकरियों में भाई-भतीजावाद और क्षेत्रवाद का मुद्दा गरमाने वाला है। राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार 30 हजार सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर चुकी है और मेरिट पर नौकरियां देने का दम भर रही है। विधानसभा में पिछली हुड्डा सरकार को घेरते हुए भाजपा नौकरियों में अपनी पालिसी का खुलासा कर सकती है।

भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष एवं टोहाना के विधायक सुभाष बराला विधानसभा में सरकारी नौकरियों में भाई-भतीजावाद का मुद्दा उठाएंगे। बराला प्रश्नकाल में सरकार से पूछेंगे कि नौकरियां मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से कि तरह दी जाएंगी। सरकार ने इसके लिए क्या नियम और शर्तें तय की हैं और कैसे यह सुनिश्चित होगा कि नौकरियों में भाई-भतीजावाद नहीं चलेगा।

बराला का यह सवाल सीधे मुख्मयंत्री मनोहर लाल से होगा। जाहिर है कि इस सवाल के जवाब में राज्य सरकार की ओर से पिछली हुड्डा सरकार को निशाने पर लेते हुए अपनी नीति और योजना की जानकारी दी जाएगी।


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