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गुरमीत राम रहीम पर अब पंचकूला हिंसा मामले में शिकंजा कसा, मुख्‍य आरोपित बनाने को याचिका

डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर अब पंचकूला हिंसा में शिकंजा कस रहा है। कोर्ट में गुरमीत राम रहीम को पंचकूला हिंसा में मुख्‍य आरोपित बनाने के लिए याचिका दी गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 10:49 AM (IST)
गुरमीत राम रहीम पर अब पंचकूला हिंसा मामले में शिकंजा कसा, मुख्‍य आरोपित बनाने को याचिका

चंडीगढ़, जेएनएन। डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर एक और मामले में शिकंजा कसता दिख रहा है। साध्वी यौन शोषण मामले और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्‍या मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे गुरमीत को पंचकूला हिंसा में मुख्‍य आरोपित बनाने की अर्जी हाई कोर्ट में दी गई है। गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से दुष्‍कर्म के मामले में दोषी करार देने के बाद पंचकूला में हिंसा फैल गई थी। इस हिंसा में करीब 40 लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।

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पंचकूला हिंसा मामले में दर्ज 240 एफआइआर में गुरमीत राम रहीम को भी आरोपित बनाने की मांग करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। इसके साथ ही पंचकूला के पुलिस कमिश्नर पर हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा देने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की भी अपील की गई है।

पंचकूला के पुलिस कमिश्नर पर झूठा हलफनामा सौंपने का भी लगाया आरोप

अर्जी दाखिल करते हुए एडवोकेट एमएस जोशी ने हाई कोर्ट में कहा कि पंचकूला के पुलिस कमिश्नर ने हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा देकर गुरमीत राम रहीम को बचाने की कोशिश की थी। जोशी ने बताया कि पुलिस कमिश्नर ने हलफनामे में कहा था कि पंचकूला हिंसा में गुरमीत सिंह का कोई हाथ नहीं था। पुलिस को दिए गए बयान में सुभाष चंद्र, राकेश कुमार व अन्य ने बताया था कि गुरमीत सिंह के इशारे पर ही आदित्य इसां ने हिंसा की शुरूआत करवाई थी।

जोशी ने आइजी की मीडिया ब्रीफिंग का उल्‍लेख भी किया। उन्‍होंने बताया कि आइजी के मुताबिक कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम ने अपनी गाड़ी से लाल रंग का बैग मंगवाया था। यह बैग सीधे तौर पर समर्थकों के लिए इशारा था कि अब उन्हें हिंसा आरंभ करनी है। कुछ गवाहों के बयान के अनुसार 25 अगस्त को हुई हिंसा की योजना 17 अगस्त को हुई बैठक के दौरान बनाई गई थी। जोशी ने अर्जी में कहा कि जब इस हिंसा की पूरी वारदात की योजना बनाने वाला मास्टर माइंड गुरमीत राम रहीम है तो क्यों उसका नाम इन सभी एफआइआर में दर्ज नहीं किया गया।

पुलिस कमिश्नर को घेरते हुए जोशी ने कहा कि उन्हें इन सभी बयानों के बारे में जानकारी थी और बावजूद इसके वह गुरमीत सिंह को हिंसा मामले में क्लीन चिट देने का प्रयास करते रहे। हाई कोर्ट में इस अर्जी पर मुख्य याचिका के साथ सुनवाई होगी।

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