जाट सहित छह जातियों को आरक्षण मिलना आसान नहीं
हरियाणा में जाट सहित छह जातियों को आरक्षण मिलना आसान नहीं दिख रहा है। इस मामले में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट हाेने की संभावना है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाटों समेत छह जातियों को मिलने वाले आरक्षण की राह आसान नहीं है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने हरियाणा सरकार से तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों के जातिगत आंकड़े मांग रखे हैं, ताकि उन आंकड़ों के आधार पर यह पता लगाया जा सके कि सरकारी नौकरियों में किस जाति के लोगों को कितना प्रतिनिधित्व मिला हुआ है।
हरियाणा सरकार की ओर से यह आंकड़े आयोग को उपलब्ध कराए जा चुके हैं, लेकिन आंकड़ों की सत्यता को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। लिहाजा किसी भी विवाद से बचने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एस एन अग्रवाल ने भी अभी तक अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को नहीं सौंपी। इस रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट तय करेगा कि हरियाणा में जाट, मूला जाट, बिश्नोई, त्यागी, रोड ब्राह्मणों को आरक्षण मिलना चाहिए अथवा नहीं।
देशभर में जातिगत जनगणना 2011 में हुई थी, लेकिन उसके आंकड़े अभी तक सार्वजनिक नहीं हुए हैं। आयोग के चेयरमैन जस्टिस एसएन अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने जो आंकड़े उपलब्ध कराए हैं, उन्हें सही मानकर आयोग कार्यवाही आगे बढ़ाएगा। लेकिन, आंकड़ों के बारे में कोई शिकायत आती है तो उस पर विचार किया जा सकता है।
आयोग ने सरकार को उन सभी कर्मचारियों के जातिगत आंकड़े उपलब्ध कराने को कहा था, जो किसी भी सरकारी विभाग, बोर्ड, कॉरपोरेशन, आयोग, विश्वविद्यालय और ऐसी संस्था या प्रोजेक्ट में काम करते हैं, जिन्हें सरकारी खजाने से वेतन मिलता है। अब राज्यभर में नई बहस यह छिड़ी है कि आउटसोर्सिंग, कांट्रेक्ट, वर्कचार्ज अथवा एडहॉक के कर्मचारियों के आंकड़े जातिगत प्रतिनिधित्व में शामिल होने चाहिए या नहीं।
पिछड़ा वर्ग आयोग को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में 1190 अधिकारी-कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें अनक्लासीफाइड कैटेगरी में रखा है। यानी सरकार इनकी जाति का पता ही नहीं लगा पाई। इनमें क्लास वन के 72, क्लास-2 के 118, क्लास-3 के 628 और क्लास-4 के 372 कर्मचारी शामिल हैं।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अब सरकार को इन सभी की जाति भी बताने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि पूर्व में दिए आंकड़ों को एक्ट के मुताबिक तयशुदा कैटेगरी के हिसाब से ही दिया जाए। अभी दिक्कत यह है कि इनमें जाति, उप जाति के आंकड़े अलग-अलग दर्शाए हैं। उधर, आयोग ने हरियाणा की सरकारी नौकरियों में जातिगत प्रतिनिधित्व के सभी आंकड़े वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिए है।
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सरकार की ओर से आयोग को 2 लाख 41 हजार 937 अधिकारियों-कर्मचारियों के जातिगत आंकड़े 14 दिसंबर, 2017 को उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की ओर से आरटीआई में दी गई सूचना के मुताबिक राज्य में 31 मार्च, 2016 तक सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की संख्या 3 लाख 38 हजार 921 थी। इनमें क्लास वन से लेकर क्लास-4, कांट्रेक्ट, वर्कचार्ज और कंटेंजेंसी पेड वाले कर्मचारी शामिल हैं। आरटीआइ की सूचना जून में ही ली गई थी। इससे पहले 31 मार्च, 2014 को भी राज्य में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या विभाग द्वारा 3 लाख 40 हजार 698 बताई गई थी।
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