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19 बार एक्सटेंशन व 10 साल तक वेतन एक रुपया, यह हैं सर्जिकल स्‍ट्राइक के हीरो के पिता

86 साल के लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह किसी गबरू जवान से कम नहीं हैं। सेना से रिटायर होने के बाद भी वह सेवा देते रहे। 19 बार एक्‍सटेंशन मिली और 10 साल तक वेतन लिया सिर्फ एक रुपया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 09:07 PM (IST)
19 बार एक्सटेंशन व 10 साल तक वेतन एक रुपया, यह हैं सर्जिकल स्‍ट्राइक के हीरो के पिता
19 बार एक्सटेंशन व 10 साल तक वेतन एक रुपया, यह हैं सर्जिकल स्‍ट्राइक के हीरो के पिता

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। देश सेवा का जज्‍बा और अपने काम के प्रति लगन व जुनून। सरकार की ओर से 19 बार एक्सटेंशन। दस साल तक सिर्फ एक रुपया वेतन। हम बात कर रहे हैैं लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) मनमोहन सिंह की। उनके पुत्र सजिर्कल स्‍ट्राइक के हीरो नार्दर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी इन सी) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह हैं। 86 साल के मनमोहन मन से आज भी गबरू जवान से कम नहीं हैं।

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सर्जिकल स्ट्राइक के नायक रणबीर सिंह के पिता 86 साल के मनमोहन आज भी हैैं गबरू जवान

सेना से रिटायर होने के बाद वह 1987 में जालंधर में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी नियुक्त हुए। अमूमन एक वर्ष के कार्यकाल के बाद कोई अन्य अधिकारी इस पद पर आ जाता है, लेकिन मनमोहन की कार्यशैली व उत्साह को देखकर पंजाब सरकार ने उन्हें रिकॉर्ड 19 बार इस पद पर एक्सटेंशन दी। खास यह कि अपनी सेवाओं के अंतिम 10 वर्ष में उन्होंने मात्र 1 रुपया वेतन लिया।


सशस्त्र सेनाओं में भर्ती के लिए 55 हजार युवा किए तैयार

वह वर्ष 2013 तक इस पद पर रहे और इन 26 वर्षों के दौरान उन्होंने प्री रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग कैडर चलाए, जिनमें दाखिला लेने के लिए पंजाब एवं पड़ोसी राज्यों के युवाओं की कतारें लगती थीं। यह उनका अद्भूत जुनून है कि सेना से रिटायर होने के बाद भी उन्‍होंने 55 हजार युवाओं (लड़के-लड़कियों) को सशस्त्र सेनाओं में भर्ती होने के लिए प्रशिक्षित किया है। बतौर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी उन्होंने पंजाब के युवाओं को आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, बीएसएफ और पंजाब पुलिस तक में कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक में भर्ती के लिए तैयार करवाया।

लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और सर्जिकल स्‍ट्राइक का दृश्‍य। (फाइल फोटो)

सेना  में लड़कियों के लिए की विशेष कैडर की शुरुआत

सेना में लड़कियों की ऑफिसर के रूप में एंट्री शुरू हुई तो उन्होंने लड़कियों के लिए विशेष कैडर की शुरुआत की। उनसे ट्रेनिंग लेकर कई लड़कियां ऑफिसर बनीं। बीएसएफ ने देश भर में पहली महिला बटालियन स्थापित की तो उसमें भर्ती होने वाली 130 लड़कियां ऐसी थीं, जिन्होंने मनमोहन सिंह से ट्रेनिंग ली थी।

26 वर्ष से गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस समारोह की करवा रहे तैयारी

विगत 26 वर्ष से जालंधर में गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस (परेड एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम) की तैयारी मनमोहन सिंह की ही देखरेख में होती है। एक बार फिर से वह गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों में जुटे हुए हैं।

' युवाओं में देखना चाहता हूं देश सेवा का जज्बा'

देश ने हमको बहुत कुछ दिया है। मैं आखिरी दम तक देश की सेवा करना चाहता हूं। युवाओं में भी ऐसा ही जज्‍बा देखना चाहता हूं। यही जज्‍बा मुझे यंग बनाता है।

                                                                                        - लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) मनमोहन सिंह।


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