सरसों की एमएसपी बढ़ने से हरियाणा में चार लाख एकड़ बढ़ा रकबा, गेहूं का एक लाख एकड़ घटा
हरियाणा में सरसों का एमएसपी बढ़ने से इस वर्ष इसका रकबा बढ़ गया है। एमएसपी से डेढ़ गुणा से अधिक दाम मिलने से उत्साहित किसानों ने इस बार 19 लाख एकड़ में सरसों बोई है। वहीं गेहूं का रकबा 58 लाख एकड़ से घटकर 57 लाख हो गया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पिछले रबी सीजन में सरसों के न्यूनतम समर्थन (एमएसपी) की तुलना में डेढ़ गुणा से अधिक दाम मिलने का असर मौजूदा सीजन में दिखाई दे रहा है। हरियाणा में जहां पिछले साल 15 लाख एकड़ जमीन पर सरसों बोई गई थी, वहीं चालू रबी सीजन में यह रकबा बढ़कर 19 लाख एकड़ हो गया है।
पिछले साल केंद्र सरकार ने 4650 रुपये प्रति क्विंटल सरसों की एमएसपी तय की थी, मगर प्रदेश की मंडियों में 7200 रुपये प्रति क्विंटल तक सरसों बिकी। मौजूदा रबी सीजन में सरसों की एमएसपी 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,050 रुपये कर दी गई है। इससे उत्साहित प्रदेश के किसानों ने इस बार चार लाख एकड़ जमीन पर अधिक सरसों बोई है।
पिछले साल के 6.1 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार 7.6 लाख हेक्टेयर में सरसों की बिजाई की गई है। हालांकि गेहूं का रकबा पिछले साल की तुलना में घटा है। प्रदेश में इस बार 22.9 लाख हेक्टेयर क्षेत्र (करीब 57 लाख एकड़) में गेहूं बोया गया है, जबकि पिछले साल 23.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र (करीब 58 लाख एकड़) में गेहूं बोया गया था।
वहीं, डीएपी और यूरिया की किल्लत को मुद्दा बना रहे विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि विगत छह जनवरी तक 7.85 लाख टन यूरिया किसानों को दिया जा चुका है। पिछले वर्ष इसी अवधि तक यूरिया की बिक्री 7.76 लाख टन थी। उन्होंने बताया कि जनवरी के लिए केंद्र सरकार ने दो लाख टन यूरिया हरियाणा को आवंटित किया है। इसमें से छह जनवरी तक 52 हजार टन यूरिया मिल चुका है और शेष डेढ़ लाख टन यूरिया इस महीने के अंत तक उपलब्ध करा दिया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में 44 टन यूरिया उपलब्ध है।