मनोहरलाल सरकार करेगी सस्ते घर का सपना साकार, बजट में खास प्रावधान की उम्मीद
हरियाणा की मनोहरलाल सरकार जरुरतमंद और गरीब लोगों के सस्ते घर का सपना साकार करेगी। राज्य सरकार के बजट में इस संबंध में खास प्रावधान किए जाने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा सरकार हर गरीब और जरूरतमंद के लिए सस्ते मकान का सपना साकार करने की दिशा में कारगर कदम उठाने जा रही है। इस बार पेश किए जाने वाले राज्य के बजट में इस बारे में खास प्रावधान किए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही संभवतया गरीबों को 10 से 15 लाख रुपये में दो कमरों के मकान बनाकर देने के लिए सरकार की तरफ से पहल की जा सकती है। इसके लिए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश करने से पहले कवायद शुरू कर दी है।
बतौर वित्त मंत्री मनोहर लाल के पहले बजट में दिखेगी सस्ते मकान की झलक
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने हरियाणा सहित दिल्ली एनसीआर के बड़ी बिल्डर कंपनियों के प्रतिनिधियों को साफ तौर पर कह दिया है कि वे बजट से पहले ऐसा प्रस्ताव लेकर आएं जिसमें समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को सस्ती दरों पर मकान मिल जाए। इसके लिए सीएम ने इन बिल्डर कंपनियों के प्रतिनिधियों को यह भी दो टूक साफ कर दिया है कि वे मौजूदा अफोर्डेबल से अलग स्कीम चाहते हैं।
अफोर्डेबल स्कीम के तहत एक कमरे और ड्राइंग रूम का मकान 17 से 21 लाख रुपये में मिलता है। सीएम चाहते हैं कि 10 से 15 लाख में तैयार मकान में बेशक ड्राइंग रूम न हो लेकिन दो कमरे, किचन, बाथरूम ही हों। यह 50 वर्ग मीटर से ज्यादा में न हो। बता दें कि राज्य में आठ लाख लोग ऐसे हैं जिनके पास अपना मकान नहीं है। इस क्रम में राज्य सरकार ने 2.25 लाख ऐसे लोग भी चिन्हित किए हैं जिन्हें सस्ती दरों पर मकान उपलब्ध कराए जाने हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने दो लाख लोगों को नए घर बनाकर देने का वायदा भी किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री का यह नया विजन जरूरतमंद लोगों के लिए काफी सार्थक होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपना बजट तैयार करने से पहले राज्य के विभिन्न वर्गों से रायशुमारी भी शुरू कर दी है।
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बिल्डर कंपनियां भी चाहती हैं कुछ सुविधाएं
मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिर्फ अपना विजन ही नहीं बिल्डर कंपनियों पर थोप रहे हैं बल्कि उनसे भी उनकी समस्याएं पूछ रहे हैं। सीएम को बिल्डर कंपनियों ने यह भी बता दिया है कि अब उनसे वसूले गए विकास शुल्क को विकास कार्ययोजनाओं के लिए खोले गए बैंक खाते से सीधे जोड़ देना चाहिए। इससे विकास के लिए एकत्र राशि किसी अन्य मद में खर्च नहीं हो सकेगी।
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बिल्डर कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सीएम को साफ तौर पर यह भी कह दिया है कि यदि उनकी परियोजनाओं के आसपास बाह्य विकास शुल्क की राशि से सरकार सही समय पर विकास कार्य पूरे करा देती तो निश्चित तौर पर वे इस मौजूदा दशा से नहीं जूझ रहे होते। सीएम ने इसके लिए एक कमेटी बनाने का आश्वासन भी दिया है।
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