Exclusive interview: हरियाणा कांग्रेस के नए प्रभारी विवेक बंसल बाेले- पहले की छोडि़ए, अब दिखेंगे नतीजे
Exclusive interview हरियाणा कांग्रेस के नए प्रभारी विवेक बंसल का कहना है कि पहले पार्टी में क्या हुआ इस पर उन्हेें कुछ नहीं कहना है इसे छोडि़ये। अब पार्टी में नतीजे दिखेंगे।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। चिट्ठी प्रकरण के बाद कांग्रेस हाईकमान ने तन दिन पहले राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में व्यापक फेरबदल किया। इसमें राजस्थान कांग्रेस के सहप्रभारी रह चुके विवेक बंसल को गुलाम नबी आजाद की जगह हरियाणा कांग्रेस का नया प्रभारी नियुक्त किया है। बंसल पहले भी 2005 तक हरियाणा कांग्रेस के सह प्रभारी रह चुके हैं। हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान में सह प्रभारी रहते हुए इन राज्यों में सरकार बनाने की उपलब्धि भी विवेक बंसल के नाम दर्ज है।
हरियाणा कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी से दैनिक जागरण की विशेष बातचीत
बंसल ने एक विशेष साक्षात्कार में हरियाणा कांग्रेस को लेकर अपनी सोच और योजनाओं को लेकर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पिछली बातों को छोडि़ए, इस पर मुझे कुछ नहीं कहना, अब नतीजे नजर आएंगे। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बनने के बाद दैनिक जागरण के हरियाणा राज्य ब्यूरो के विशेष संवाददाता बिजेंद्र बंसल की विवेक बंसल से बातचीत हुई। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
- हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी के रूप में आपकी प्राथमिकताएं क्या रहेंगी?
- देखिए, हरियाणा में कांग्रेस मुख्य विपक्ष की भूमिका में है। प्रदेश में कांग्रेस जनता के प्रत्येक मुद्दे को जोरशोर से सरकार के समक्ष उठा रही है और आगे भी उठाएगी। सबसे निचले पायदान पर जीवनयापन कर रहे लोगों के साथ न्याय हो, इसके लिए कांग्रेस मजबूती से अपने दायित्व का निर्वाह करेगी। मेरी प्राथमिकता रहेगी कि इसके लिए जल्द से जल्द राज्य कांग्रेस का ब्लॉक व जिला स्तर का संगठन खड़ा हो।
- ब्लॉक स्तर पर संगठन खड़ा करने का दावा पहले से हो रहा है, आप कोई समयावधि तय करेंगेे?
- पहले क्या कुछ हुआ, इसे छोडि़ए, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। हां, इतना जरूर कहना चाहता हूं कि अब आपको नतीजे दिखाई देंगे। रही बात समयावधि की तो मैं अभी इस बारे में नहीं बता सकता मगर जल्द से जल्द संगठन बनेगा। मजबूत व सशक्त संगठन होगा। ब्लॉक अध्यक्ष संघर्षशील होगा। उसका भी रिपोर्ट कार्ड बनेगा। उसके कामकाज की नियमित समीक्षा होगी। यह समझ लीजिए कि संगठन कागजी नहीं होगा, जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को दायित्व मिलेगा।
- गुटबाजी में फंसी हरियाणा कांग्रेस को एकजुट करने की कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?
- संगठन के हर काम को मैं चुनौती नहीं बल्कि अवसर के रूप में लेता हूं। मैंने पहले भी हरियाणा में इन्हीं नेताओं के साथ काम किया है। सब जनाधार वाले नेता हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी हरियाणा के नेता बड़ी चुनौती से जूझने में सक्षम हैं। अब आप देखेंगे कि जनहित के सभी मुद्दों पर ये कांग्रेस नेता एक मंच पर सामूहिक नेतृत्व देते नजर आएंगे।
- हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार के कामकाज को किस रूप में देखते हैं?
- भाजपा ने पूरे देश में जनता के साथ छल करके सरकारें बनाई हैं। हरियाणा भी इससे अछूृता नहीं रहा। चुनाव में अपने पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियों पर भाजपा ने 75 पार का नारा दिया और 40 सीटों पर सिमट गई। बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर भाजपा सरकार फ्लॉप रही। अभी भी अन्नदाता किसानों पर लाठीचार्ज करने वाली भाजपा सरकार की प्रदेश में कोई उपलब्धि नहीं है। हम जनता के सामने भाजपा-जजपा सरकार के कामकाज का काला चिट्ठा प्रमुखता से रखेंगे।
- बरौदा उपचुनाव जीतना कांग्रेस के लिए कितनी बड़ी चुनौती है?
- विधानसभा सीट कांग्रेस की थी और कांग्रेस के पास ही रहेगी। सवालिया अंदाज में...किसानों पर लाठीचार्ज करके और आढ़तियों से रोजगार छीनने वाली भाजपा-जजपा सरकार को क्या वोट मिलेंगे?
खास बातें-
- हरियाणा कांग्रेस में ब्लॉक स्तर पर मजबूत और संघर्षशील संगठन खडा करना प्राथमिकता।
- जनहित के मुद्दों पर एक मंच पर सामूहिक नेतृत्व देते हुए नजर आएंगे सभी प्रमुख नेता।
- हरियाणा में भाजपा ने उपलब्धियों पर नहीं बल्कि जनता के साथ छल करके सत्ता हासिल की।
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