जेल अधीक्षक नकली अंगूठे से लगवाता रहा बायोमिट्रिक हाजिरी, खुद करता रहा प्रॉपर्टी कारोबार
बायोमिट्रिक मशीन पर हाजिरी के समय जेल अधीक्षक की लोकेशन अधिकतर दूसरे स्थानों पर मिली। सीएम उड़नदस्ते के एसपी ने जांच में उसे दोषी पाया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। सरकारी विभागों में बायोमिट्रिक हाजिरी की व्यवस्था लागू होने के बाद कई अफसर व कर्मचारी फरलो मारने के लिए जुगाड़ करने से बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही मामला पलवल और फरीदाबाद में सामने आया है जहां एक जेल अधीक्षक अपने मातहत कर्मचारियों से नकली अंगूठे से बायोमिट्रिक हाजिरी लगवाकर प्रॉपर्टी के बिजनेस में लगा रहा। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने जांच में उक्त अधिकारी को फर्जीवाड़े का दोषी करार देते हुए कार्रवाई की सिफारिश की है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार आइजी जेल को पहले पलवल और वर्तमान में फरीदाबाद में तैनात जेल अधीक्षक स्तर के अधिकारी के बारे में शिकायत मिली कि वह नकली अंगूठे से बायोमिट्रिक हाजिरी लगा रहे हैं। इस पर गुरुग्राम स्थित मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते के एसपी को जांच के आदेश दिए गए।
उड़नदस्ते के निरीक्षक बिजेंद्र सिंह ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि आरोपित अधिकारी पहले जिला कारागार पलवल में तैनात था। उसके पास बीएसएनएल का नंबर है। एक जनवरी से 30 अप्रैल 2017 तक का रिकार्ड निकलवाने पर पता चला कि आरोपित जेल अधीक्षक ने यह फोन नंबर अपने रिश्तेदार व करनाल स्थित जनस्वास्थ्य विभाग में कार्यकारी अभियंता के नाम पर लिया हुआ है।
जिस समय बायोमिट्रिक से हाजरी लगाई गई उस समय इस नंबर की लोकेशन पलवल जेल के बजाय उक्त अधिकारी के निवास या अन्य स्थान पर मिली। जांच में खुलासा हुआ कि जेल अधीक्षक ने अपने अंगूठे की नकल तैयार करा रखी है, जिससे जेल कर्मचारी ही उनकी हाजिरी लगा देते थे। इसी बीच, आरोपित जेल अधीक्षक का तबादला पलवल से फरीदाबाद हो गया। जांच अधिकारी ने तमाम सबूतों के आधार पर उक्त अधिकारी के खिलाफ हरियाणा सिविल सर्विस सेवाएं दंड एवं अपील के नियम सात के तहत विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है।
जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में
मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने पलवल में जेल अधीक्षक के विरुद्ध जांच कर जनवरी में अपनी रिपोर्ट दे दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो जेल अधीक्षक के एक वरिष्ठ नेता के साथ करीबी संबंध होने के कारण जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इसी तरह अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई है।
जल्द होगी सख्त कार्रवाई
आइजी सीआइडी अनिल राव का कहना है कि जेल अधीक्षक के खिलाफ एक शिकायत मिली थी। शिकायत की जांच गुरुग्राम के एसपी सीएम फ्लाइंग द्वारा की गई है। जांच रिपोर्ट में फर्जी तरीके से बायोमिट्रिक हाजिरी लगाए जाने के आरोप हैं। इस मामले में जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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