Haryana Budget में दिखेगा केजरीवाल की जीत का असर, शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा पर अधिक खर्च करेगी मनोहर सरकार
हरियाणा के बजट में इस बार केजरीवाल की जीत का असर दिख सकता है। सरकार का फोकस स्वास्थ्य सुरक्षा व शिक्षा पर रहेगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के जिन मुद्दों को आधार बनाकर तीसरी बार सत्ता में आई है, वह तीनों मुद्दे हरियाणा की गठबंधन सरकार के पहले बजट में दिखाई दे सकते हैं। सांसदों और विधायकों के साथ हर क्षेत्र के लोगों से फीडबैक जुटा रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पहला बजट सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा पर केंद्रित रह सकता है।
वित्त मंत्री के नाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपना पहला बजट पेश करेंगे। हरियाणा सरकार का बजट सत्र 20 फरवरी से है, जो करीब एक पखवाड़े तक चलने के आसार हैैं। इससे पहले 17 से 19 फरवरी तक मुख्यमंत्री सभी दलों के विधायकों के साथ प्री-बजट चर्चा करेंगे, ताकि किसी को बाद में यह कहने का मौका न मिल सके कि बजट में उनके हलके की अनदेखी हुई है।
मुख्यमंत्री राज्य के सांसदों के साथ दो बार बैठकें कर चुके हैैं, जबकि विधायकों के साथ बैठक होनी बाकी है। उद्यमियों समेत विभिन्न क्षेत्र के लोगों के साथ आधा दर्जन बैठकें हो चुकी हैैं। सूत्रों के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पहले से हरियाणा सरकार के एजेंडे में है, लेकिन अब इन तीनों क्षेत्रों में बजट बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार इन तीन बड़े मुद्दों के आधार पर वहां के लोगों का दिल जीतने में कामयाब हो सकी है।
अरविंद केजरीवाल जब हरियाणा आए थे, तब उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खुली चुनौती दी थी कि वे अपने व दिल्ली के सरकारी स्कूलों की किसी भी लिहाज से तुलना कर लें। हालांकि तब बात आई-गई हो गई थी, लेकिन हरियाणा सरकार इन मुद्दों की बजट में अनदेखी कर पाएगी, इसकी कोई गुंजाइश नहीं है।
डेढ़ लाख करोड़ का होगा हरियाणा का बजट
हरियाणा सरकार का पिछला बजट कुल एक लाख 32 हजार 165.99 करोड़ का था, जिसमें 12 हजार 22 करोड़ 49 लाख रुपये का घाटा था। पिछले बजट में कुल एक लाख 79 हजार 462 हजार करोड़ का कर्ज दिखाया गया था। इस बार बजट डेढ़ लाख करोड़ तक होने की संभावना है।
बजट पहले से तैयार, औपचारिकता निभा रही सरकार
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि सांसदों व विधायकों के साथ प्री-बजट चर्चा किसी दिखावे से कम नहीं है। मुख्यमंत्री के आ रहे बयानों से साफ है कि बजट बनकर तैयार हो चुका है। जनप्रतिनिधियों को बहलाने व प्रदेश की जनता को बहकाने के लिए फीडबैक लिया जा रहा है। बजट में कुछ भी नहीं होगा, क्योंकि एक लाख 81 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हरियाणा पर है।
वर्ष 2019 का बजट, किस विभाग को क्या मिला
विभाग का नाम मिला बजट
बिजली विभाग | 12988.61 करोड़ |
लोक निर्माण विभाग | 3626.21 करोड़ |
शहरी स्थानीय निकाय | 3994.95 करोड़ |
गृह विभाग | 5150.51 करोड़ |
विकास एवं पंचायत | 5194.16 करोड़ |
परिवहन | 2605.00 करोड़ |
अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा विभाग | 7199.32 करोड़ |
महिला एवं बाल विकास | 1504.98 करोड़ |
कृषि एवं किसान कल्याण | 3834.33 करोड़ |
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन | 1512.42 करोड़ |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण | 3126.54 करोड़ |
चिकित्सा एवं अनुसंधान | 1358.75 करोड़ |
शिक्षा एवं सबद्ध | 12307.46 करोड़ |
तकनीकी शिक्षा | 512.72 करोड़ |
खेल एवं युवा मामले | 401.17 करोड़ |
कौशल विकास, औद्योगिक प्रशिक्षण | 680.06 करोड़ |
सिंचाई एवं जल संसाधन | 3324.51 करोड़ |
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी | 3605.32 करोड़ |
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