यहां मिलती है Kidney patients को Dialysis की मुफ्त सुविधा, सेवा के जज्बे से जीवन को मिल रही नई धारा
जरूरतमंद मरीजों को यह सुविधा निश्शुल्क मिले इसके लिए धन माता गुजरी सेवा ट्रस्ट के सदस्य समर्पण भाव से लगे हुए हैं।
जगराओं [बिंदु उप्पल]। किडनी रोग आज के समय में सबसे बड़ी समस्या हैं। किडनी संबंधी बीमारी होने पर डायलिसिस करवाना ही कारगर उपचार है। डायलिसिस करवाना हर किसी के बस की बात नही हैं। इस पर हर माह हजारों रुपये खर्च होते हैं। जरूरतमंद मरीजों को यह सुविधा निश्शुल्क मिले, इसके लिए धन माता गुजरी सेवा ट्रस्ट के सदस्य समर्पण भाव से लगे हुए हैं। संस्था ढ़ाई साल में पांच हजार रोगियों को डायलिसिस की निशुल्क सुविधा उपलब्ध करा चुकी है।
ऐसे शुरू हुई यह जनसेवा
धन माता गुजरी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक गुरताज सिंह बताते हैं कि मेरे चाचा की दोनों किडनियां खराब थीं। उनका डायलिसिस कराने के लिए लुधियाना जाता था। वहां मैंने देखा कि डायलिसिस करवाना कितना महंगा है। एक किडनी मरीज को महीने में आठ बार डायलसिस करवाना पड़ता है। एक बार डायलिसिस पर तीन हजार से अधिक का खर्च होता है। ऐसे में एक मरीज पर एक माह में 20 से 30 हजार रुपये खर्च होते हैं। मैंने देखा कि कई गरीब मरीज भी डायलिसिस करवाने आते थे। अधिक खर्च की वजह से वे परेशान रहते थे। इस पर मैंने सोचा कि क्यों न ऐसी व्यवस्था की जाए कि गरीब मरीजों को डायलिसिस की सुविधा निश्शुल्क मिल सके। इसके लिए मैंने जगराओं के विदेश में रहने वाले साथियों से बात की।
उन्होंने इसमें आर्थिक सहयोग देना स्वीकार लिया। इसके बाद सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी की माता गुजरी के नाम पर धन माता गुजरी सेवा ट्रस्ट का गठन किया। सेहत विभाग से जगराओं सिविल अस्पताल में 1500 वर्ग फुट में डायलिसिस सेंटर खोलने की अनुमति मांगी गई। वर्ष 2017 में अस्पताल में डायलिसिस सेंटर बनाया गया। शुरुआत में इसमें चार डायलिसिस मशीनें लगाई गईं। एक मशीन की कीमत छह लाख रुपये से अधिक है। अब डायलिसिस सेंटर में छह मशीनें है। सेंटर में अब रोजाना आठ से 12 मरीजों की डायलिसिस की जाती है। दवाएं भी निश्शुल्क दी जाती हैं।
सौ परिवारों को देते हैं राशन
धन माता गुजरी जी ट्रस्ट की ओर से हर माह की संक्रांति पर सौ परिवारों को राशन भी दिया जाता है। यह राशन गीता भवन के नजदीक गुरुद्वारा साहिब में गरीब, बेसहारा, बुजुर्ग व विधवा महिलाओं को बांटा जाता है। जरूरतमंद बच्चों को स्कूल फीस, वर्दियां, बूटा, बैग और किताबें भी दी जाती हैं। गरीब परिवारों को लड़की की शादी के लिए 20 से 30 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की जाती है। गुरताज सिह कहते हैं कि सेवा का यह कार्य सिविल अस्पताल जगराओं के एसएमओ डॉ.सुखजीवन कक्कड़ और दानी सज्जनों के सहयोग से चल रहा है।
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