IAS खेमका ने फिर दिखाए तेवर, संवैधानिक संस्थाओं में रिटायर्ड अफसरों की नियुक्ति पर उठाए सवाल
हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अफसर अशोक खेमका ने एक बार फिर कड़े तेवर दिखाए हैं। उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं में रिटायर्ड अफसरों की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अफसर डॉ. अशोक खेमका ने एक बार फिर तीखे तेवर दिखाए हैं। सोशल मीडिया के जरिये सरकारी तंत्र पर चोट और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए चर्चित खेमका ने अब मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी), मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी), लोकपाल और लोकायुक्तों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। रिकॉर्ड तबादलों के चलते सुर्खियों में रहने वाले 1991 बैच के आइएएस ने ट्वीट किया कि इन संवैधानिक संस्थाओं से भ्रष्ट लोगों की कंपकंपी छूटनी चाहिए। इन संस्थाओं में सेवानिवृत्त लोगों को आसीन कर इन्हें दायित्वहीन क्यों किया जा रहा है।
ट्वीट कर जड़ा सीवीसी, सीआइसी, लोकपाल और लोकायुक्तों को दायित्वहीन करने का आरोप
54 तबादले झेल चुके खेमका ने ट्वीट में पूछा है कि कितने भ्रष्ट लोगों को दोषी ठहराया जाता है? कितने भ्रष्टाचारी छूट जाते हैं और कितने निर्दोषों को परेशान किया जाता है? खेमका ने यह ट्वीट ऐसे समय में किया है जब हरियाणा के 1978 बैच के रिटायर्ड आइएएस अफसर तथा राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी को नया मुख्य सतर्कता आयुक्त और पूर्व सूचना एवं प्रसारण सचिव बिमल जुल्का को नया मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है।
पूछा, कितने भ्रष्ट लोगों को दोषी ठहराया जाता है, कितने भ्रष्टाचारी छूट जाते हैं
खेमका पहले भी अनेक मुद्दों पर बेबाक टिप्पणियां और ट्वीट करते रहे हैं। पिछले दिनों खेमका ने भ्रष्टाचार दिवस के दौरान आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भी तंज कसा था कि क्या ऐसे आयोजनों से भ्रष्टाचार कम हो जाएगा। सिर्फ यही पता लगा लें कि आयोजन में कुल कितना खर्च हुआ।
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