डेरा हिंसाः बहस शुरू न हो पाने से हनीप्रीत पर तय नहीं हो पाए आरोप
पंचकूला में हिंसा और देशद्रोह की आरोपित हनीप्रीत एवं अन्य पर आरोप तय नहीं पाए। बचाव पक्ष की ओर से बहस शुरू नहीं की गई।
जेएनएन, पंचकूला। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 25 अगस्त को दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकूला में हिंसा और देशद्रोह की आरोपित हनीप्रीत एवं अन्य पर आरोप तय नहीं पाए। बचाव पक्ष की ओर से बहस शुरू नहीं की गई। बचाव पक्ष ने कोर्ट में आरोप तय करने के लिए बहस शुरू करने से पूर्व अदालत में याचिका दी कि अभियोजन पक्ष की ओर से चालान के साथ लगी ट्रांसक्रिप्शन की सीडी नहीं दी गई है, जिसके चलते वे बहस करने के लिए तैयार नहीं है।
बचाव पक्ष ने कहा कि एसआइटी द्वारा उन्हें ट्रांसक्रिप्शन की सीडी सौंपी जाए, जिस पर अदालत ने पुलिस को आदेश दिए कि बचाव पक्ष को सीडी मुहैया करवाई जाए, ताकि मामले में बहस शुरू हो सके। हनीप्रीत सहित सभी आरोपितों को पहले ही चार्जशीट की कॉपी दी जा चुकी है। मामले की अगली सुनवाई अब 15 मई को होगी। वीरवार को सुनवाई के दौरान हनीप्रीत सहित अन्य आरोपित वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।
बचाव पक्ष के वकील सुरेश कुमार रोहिल्ला ने बताया कि इस दौरान बचाव पक्ष ने एसआइटी द्वारा हाल ही में 7 अन्य आरोपितों के खिलाफ, जो सप्लीमेंट्री चालान दाखिल किया था, उसके सेशन कोर्ट में आने के बाद ही सभी 32 आरोपितों के आरोपों पर बहस करने की गुजारिश की। बचाव पक्ष को इन सात आरोपितों के चालान की कॉपी भी 30 अप्रैल तक मिल जाएगी। जिसके बाद सभी के खिलाफ आरोपों पर बहस शुरू हो सकेगी।
पुलिस द्वारा अदालत में दाखिल चार्जशीट में हनीप्रीत पर धारा 150, 153, 121, 121ए, 120बी लगाई है, जबकि सुरेंद्र धीमान, दान सिंह, चमकौर सिंह, गोबिंद राम, छिंद्रपाल, गोपाल किशन, वेदप्रकाश, डॉ. पवन इंसां, भीमसेन, राजकुमार, रणवीर सिंह वकील पर धारा-145, 146, 150, 151, 152, 153, 121, 121ए, 120बी लगाई है। वहीं, डॉ. दलजीत सिंह, प्रदीप गोयल, दिलावर पर धारा 121, 121ए, 120बी लगाई गई है।
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