खिलाड़ियों के लिए सरकार ने खींची लक्ष्मण रेखा, बिना टेस्ट पास नहीं बनेंगे एसपी-डीसी
हरियाणा सरकार ने एचसीएस और एचपीएस बनने वाले खिलाडिय़ों के लिए लक्ष्मण रेखा खींच दी है। वे बिना टेस्ट पास किए एसपी-डीसी नहीं बन सकेंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में खेल कोटे से एचसीएस और एचपीएस अधिकारी बनने वाले खिलाडिय़ों के लिए सरकार ने लक्ष्मण रेखा खींच दी है। यह खिलाड़ी एसपी-डीसी, डीआइजी-आइजी, निदेशक-अतिरिक्त मुख्य सचिव और मुख्य सचिव या डीजीपी तभी बन पाएंगे, जब सरकार की ओर से निर्धारित टेस्ट पास करेंगे। जो खिलाड़ी प्रमोशन के लिए टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे, उन्हें अपने मौजूदा पदों पर ही संतोष करना पड़ेगा। 50 साल की उम्र तक के खिलाड़ी एचसीएस और 32 साल की उम्र तक के खिलाड़ी एचपीएस बनने की पात्रता श्रेणी में शामिल हैैं।
प्रदेश सरकार को आशंका थी कि यदि पदक विजेता खिलाडिय़ों के लिए प्रमोशन के मानदंड तय नहीं किए गए तो एक दिन ऐसा आएगा जब खिलाड़ी बिना प्रशासनिक अनुभव के डीजीपी और मुख्य सचिव रैैंक तक पहुंच सकते हैैं। टेस्ट की लक्ष्मण रेखा इन खिलाडिय़ों को जहां अनुभव प्रदान करेगी, वहीं उनमें प्रशासनिक क्षमता विकसित करने की ललक भी पैदा करेगी।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी देने और खेल कोटे से सीधे डीएसपी बनाने का प्रावधान पहले भी था, लेकिन मनोहर सरकार ने ओलंपिक, राष्ट्रमंडल व एशियाई खेलों के पदक विजेता खिलाडिय़ों को एचसीएस या एचपीएस बनाने का प्रावधान कर देश भर में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
राज्य में करीब 300 खिलाड़ी ऐसे हैैं, जिन्होंने खुद को सरकारी नौकरी के लिए दावेदारी की है।
सरकार ने इन सभी आवेदन पत्रों की जांच की तो 207 सही पाए गए और 93 आवेदन कसौटी पर खरे नहीं उतरे। आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में पदक जीतने वाले 22 खिलाडिय़ों के नाम भी यदि नौकरी की पात्रता सूची में जोड़ दिए जाएं तो इनकी संख्या सवा दो सौ के आसपास हो जाएगी।
हुड्डा के कार्यकाल की फाइलें तलब
हरियाणा सरकार ने पिछली हुड्डा सरकार में खेल कोटे से बांटी गई नौकरियों की तमाम फाइलें तलब की हैैं। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने खेल कोटे में डीएसपी, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर बनाए गए खिलाडिय़ों की फाइलें मांगने को डीजीपी बीएस संधू को पत्र लिखा है। हुड्डा ने हाल ही में दावा किया है कि उनकी सरकार ने करीब 700 खिलाडिय़ों को खेल कोटे के तहत नौकरियां दी हैैं। खेल मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट किया कि फाइलें तो सारी मांगी गई हैैं, लेकिन जिन पर संदेह होगा, उनकी जांच होगी।
नौकरियां मांग रहे अपात्र खिलाडिय़ों पर अंकुश की तैयारी
माना जा रहा कि विभिन्न खेल कोटे में दी गई नौकरियों विभिन्न फाइलों में खामियां ढूंढने के बाद संबंधित खिलाडिय़ों को नोटिस दिए जा सकते हैैं। इन नोटिस के आधार पर सरकार कोर्ट में अपना बचाव करेगी, क्योंकि कई खिलाडिय़ों ने खेल कोटे से नौकरी मांगी हुई है। मगर सरकार उन्हें पात्र नहीं मानती। इनमें सबसे अधिक पर्वतारोही हैैं, जो नौकरी चाहते हैैं। यह खिलाड़ी उदाहरण दे रहे कि पिछली सरकार में पर्वतारोहण के खिलाडिय़ों को नौकरियां दी गई हैैं, इसलिए उन्हें भी दी जाएं।
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