अदालत में बोला खट्टा सिंह, डेरा प्रमुख ने सत्संग से लौटकर दिए थे छत्रपति की हत्या के आदेश
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में आज आज गुरमीत राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की गवाही हुई। खट्टा ने कहा, डेरा प्रमुख ने सत्संग से लौटकर हत्या के आदेश दिए थे।
जेएनएन, पंचकूला। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने के लिए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल सिंह को आदेश दिए थे। गुरमीत राम रहीम 23 अक्टूबर 2002 को जालंधर के एक सत्संग से वापस सिरसा पहुंचा, तो उसे कृष्ण लाल ने अखबार दिखाया था, जिसमें साध्वियों के यौन शोषण के बारे में खबर छपी थी। यह खबर पढ़ते ही गुरमीत राम रहीम तिलमिला उठा। उसने मेरे सामने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल को आदेश दिए थे कि रामचंद्र छत्रपति को मौत के घाट उतार दो।
24 अक्टूबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति को उसके घर के बाहर गोलियों से भून दिया गया था। यह गवाही शनिवार को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ अदालत में डेरा प्रमुख के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने दी। खट्टा सिंह ने गवाही से पूर्व विशेष सीबीआइ जज जगदीप सिंह को बताया कि मैंने पहले सीबीआइ को पूरा वाकया बताया था। परंतु बाद में डर और दबाव के कारण मुझे बयान बदलने पड़े, क्योंकि डेरा प्रमुख बहुत शक्तिशाली था और उसके अंधभक्त कुछ भी करने को तैयार थे।
सरकारों का डेरे को पूरा समर्थन प्राप्त था, क्योंकि अब साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को सजा सुनाई जा चुकी है और उसको कोई डर नहीं है। मैंने अदालत का समय खराब किया, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में सीबीआइ कोर्ट के समक्ष खट्टा सिंह ने बयान दिया था कि राम रहीम के खिलाफ बयान देने का दबाव डाला जा रहा है। खट्टा सिंह कह चुका था कि उसे इन मामलों में डेरा प्रमुख की भूमिका के बारे में कोई जानकारी नहीं है। परंतु 25 अगस्त 2017 को राम रहीम को सजा होने के बाद खट्टा सिंह ने दोबारा गवाही देने के लिए मौका मांगा था। हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया था। जिसे राम रहीम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उसे रद कर दिया गया था।
निर्मल और कुलदीप ने मारी थी गोली
सीबीआइ की चार्जशीट के अनुसार निर्मल और कुलदीप ने रामचंद्र छत्रपति को गोली मारी थी और गन कृष्ण लाल ने मुहैया करवाई थी। मामले का मुख्य षड्यंत्रकर्ता डेरा प्रमुख है। सीबीआइ के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि रामचंद्र छत्रपति केस में खट्टा सिंह की गवाही पूरी हो गई है। 8 मई को डेरा मैनेजर रंजीत सिंह के हत्या मामले में खट्टा सिंह की गवाही होगी। जिसके बाद क्रॉस एग्जामिनेशन शुरू होगा।
छत्रपति ने उठा दिया था यौन उत्पीडऩ का मामला
छत्रपति अकसर डेरा सच्चा सौदा में हो रहे अन्याय और अत्याचार के बारे में लिखा करते थे। उन्होंने ही साध्वी का वो खत छापा था, जिसमें सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं के यौन उत्पीडऩ की बात लिखी गई थी। उन्हें 24 अक्टूबर 2002 में गोली मार दी गई थी। हत्या के पीछे राम रहीम को बताया गया था। रामचंद्र छत्रपति को पांच गोलियां मारी गई थी, जिसके कुछ दिन बाद दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।
खट्टा सिंह को सुरक्षा देने के निर्देश
खट्टा सिंह के वकील नवकिरण सिंह ने कोर्ट में बताया कि खट्टा सिंह के घर के बाहर शुक्रवार रात को संदिग्ध गाडिय़ां घूम रही थी। उन्हें खतरा है। जिस पर विशेष जज जगदीप सिंह ने पंचकूला के डीसीपी और मोहाली के एसएसपी को निर्देश दिए कि खट्टा सिंह को पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई जाए।
एक दिन आनी है मौत
अदालत के बाहर पत्रकारों से बातचीत में खट्टा सिंह ने कहा कि मुझे खतरा तो जरूर है, लेकिन अब मैं डरता नहीं हूं। क्योंकि जिंदगी में मौत आनी है। रामचंद्र छत्रपति एवं रंजीत सिंह हत्या मामले में मेरी गवाही अहम है और मैंने एक मामले में अपनी बात रख दी है और 8 मई को रंजीत हत्या मामले में भी ठोक कर गवाही दूंगा।
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