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होम आइसोलेट कोरोना मरीजों पर हरियाणा सरकार की नजर, नियम तोड़ा तो अस्पतालों में होंगे शिफ्ट

हरियाणा में होम आइसोलेट मरीजों पर सरकार की नजर है। अब स्‍वास्‍थ्‍य टीम इनकी मॉनिटरिंग करेगी और ऐसे मरीजों ने नियम तोड़ा तो उनको अस्‍पतालों में शिफ्ट किया जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 02:00 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 02:00 PM (IST)
होम आइसोलेट कोरोना मरीजों पर हरियाणा सरकार की नजर, नियम तोड़ा तो अस्पतालों में होंगे शिफ्ट
होम आइसोलेट कोरोना मरीजों पर हरियाणा सरकार की नजर, नियम तोड़ा तो अस्पतालों में होंगे शिफ्ट

चंडीगढ़, जेएनएन। होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमितों पर अब सरकार पैनी नजर रखेगी। अधिकतर संक्रमितों के पास घर में अलग कमरा या शौचालय और देखभाल के लिए अलग से तीमारदार नहीं होने की शिकायतें मिल रही हैं। अब जिलास्तरीय होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम घरों में जाकर देखेगी कि कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन हो रहा है या नहीं। बुनियादी सुविधाएं नहीं होने पर मरीज को अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा राज्य स्तर पर भी उच्च स्तरीय टीम इसकी निगरानी करेगी।

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21 हजार से अधिक लोग की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव, इनमें 60 से 70 फीसद मरीज होम आइसोलेशन में

प्रदेश में मौजूदा समय में 21 हजार से अधिक लोग ऐसे हैं जिनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें से 60 से 70 फीसद लोग होम आइसोलेशन में हैं। कई मामलों में गाइडलाइन का पालन नहीं होने के कारण परिवार के साथ ही आस-पड़ोस के दूसरे लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा मंडराने लगता है। इसलिए होम आइसोलेशन केयर को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नए सिरे से दिशा निर्देश जारी किए हैं।

मॉनिटरिंग टीम घरों में जाकर करेगी मरीजों की जांच, अलग से कमरा व शौचालय और शारीरिक दूरी जरूरी

इसके तहत जिला स्तरीय होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम नियमित अंतराल में संक्रमितों के घर जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लेगी। मरीज की नब्ज, तापमान, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन के स्तर की जांच के साथ ही टीम देखेगी कि कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। जांच के बाद ही टीम तय करेगी कि मरीज को घर में रखा जाए या फिर अस्पताल में शिफ्ट किया जाए। यह टीम मरीज को केवल इम्युनिटी बूस्टर, आयुष मेडिसिन, सादे पैरासिटामोल और अन्य दवाएं देगी। डॉक्टर के पर्चे और ड्राइवर सहित पीपीई किट पहनी हुई टीम के बिना कोई भी स्टेरॉयड नहीं दी जाएगी।

प्रत्येक क्षेत्र की टीम में एक सहायक मेडिकल ऑफिसर (एएमओ), एक एएनएम और एक आशा कार्यकर्ता शामिल होंगी। रोगी की स्थिति के बारे में जानकारी संबंधित नोडल अधिकारियों के साथ ब्लॉक और जिला स्तर पर सांझा की जाएगी।

होम आइसोलेशन नीति को सुधारने की जरूरत

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि आधे से ज्यादा संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं। इसलिए हमें होम आइसोलेशन नीति को सुधारने की जरूरत है। प्रत्येक फील्ड टीम के वाहन पर जिले के नाम के साथ डिस्ट्रिक्ट होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम का उल्लेख करने वाला एक फ्लेक्स बैनर जरूर होना चाहिए। सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं वे प्रत्येक टीम को पीपीई किट, सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, गैर-पारा थर्मामीटर, स्टेथोस्कोप और बीपी चैकिंग मशीन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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