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हरियाणा सरकार की योजना, खेतों में पढ़ाई संग कमाई कर सकेंगे Science Students, सुधारेंगे मिट्टी की गुणवत्ता

हरियाणा में साइंस स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है। अब ये बच्चे खेतों में पढ़ाई के साथ कमाई भी कर सकेंगे। मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए सैंपल जुटाने और लैब में जांच के काम में इन छात्रों की मदद ली जाएगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 05:41 PM (IST)
मिट्टी की जांच से साइंस स्टूडेंट्स कर सकेंगे कमाई। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में कालेज और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे विज्ञान के छात्र अब खेतों में जाकर पढ़ाई के साथ ही कमाई भी कर सकेंगे। मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए सैंपल जुटाने और लैब में जांच के काम में इन छात्रों की मदद ली जाएगी। जिस गांव से सैंपल लिए जाएंगे, वहां उसी गांव के विद्यार्थियों को यह काम दिया जाएगा। किसान मित्रों की मदद से छात्रों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट सत्र में हर खेत-स्वस्थ खेत मुहिम चलाने की घोषणा की थी। इस अभियान में मृदा स्वास्थ्य और मृदा की गुणवत्ता के आधार पर फसल चयन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। चालू वित्त वर्ष में 25 लाख एकड़ भूमि की मिट्टी जांच करने के लक्ष्य के साथ जल्द ही प्रत्येक एकड़ के मृदा नमूनों के संग्रहण और जांच का कार्यक्रम बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा। अगले तीन वर्ष में पूरे प्रदेश को कवर करने की योजना है।

किसानों को घर-द्वार पर मृदा जांच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मंडियों व सरकारी भवनों में 17 नई स्थैतिक मृदा जांच प्रयोगशालाएं और 59 मिनी-मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं। स्कूल-कालेज खुलते ही विज्ञान के विद्यार्थियों को मृदा व पानी के नमूनों की जांच के लिए प्रशिक्षण का काम शुरू कर दिया जाएगा, जिससे उन्हें उद्यमी के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाया जा सकेगा।

पहले चरण में पिछले साल मृदा जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए कुल 115 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों का चयन किया गया था। मौजूदा वित्त वर्ष में स्कूल-कालेजों, तकनीकी विश्वविद्यालयों में 125 मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। क्षारीय और लवणीय मृदा के उपचार की योजना में किसानों को शामिल कर नया पोर्टल स्थापित किया जाएगा। मौजूदा वर्ष में कम से कम एक लाख एकड़ भूमि सुधार का लक्ष्य है।

किसानों के मददगार होंगे सायल हेल्थ कार्ड : सीएम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रत्येक एकड़ कृषि भूमि की जांच कर सायल हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे, ताकि किसान अनावश्यक रासायनिक खाद के इस्तेमाल से बचें और जमीन में जिसकी आवश्यकता हो वही पोषक तत्व डालें। इससे न केवल जमीन की उर्वरा शक्ति बनेगी, बल्कि किसानों के लिए भी लाभदायक होगा। वार्षिक कैलेंडर बनाया जाएगा जिसमें मिट्टी जांच, किसान सभा और प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को जागरूक करने की तिथियां निर्धारित हों।

तीन साल में 75 लाख एकड़ कृषि भूमि की होगी जांच

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि तीन साल में प्रदेश की 75 लाख एकड़ कृषि भूमि की मिट्टी की जांच कराई जाएगी। हर एकड़ की हर तीन साल में जांच होगी। किसानों को जो सायल हेल्थ कार्ड दिए जाएंगे, उनमें खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों सायल फर्टिलिटी, नाइट्रोजन, आर्गेनिक कार्बन, जिंक और फास्फोरस की मात्रा संबंधी जानकारी विस्तार से अंकित होगी। हेल्थ कार्ड में यह जानकारी भी उपलब्ध रहेगी कि किस एकड़ में कौन से पोषक तत्वों की कमी है और वह कमी पूरी करके किसान कौन सी फसल की बिजाई से ज्यादा लाभ ले सकेंगे। हर गांव का सायल फर्टिलिटी मैप भी तैयार होगा जिससे किसानों को परामर्श देने में सुविधा रहेगी।


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