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कृषि विधेयकों को लेकर पंजाब में सत्तापक्ष और मुख्य विपक्ष के विरोध से हरियाणा सतर्क

पंजाब में कृषि विधेयकों के विरोध के मद्देनजर हरियाणा भी सतर्क हो गया है। हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों को इसको लेकर पूरी सतर्कता बरतने को कहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 09:28 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 09:28 AM (IST)
कृषि विधेयकों को लेकर पंजाब में सत्तापक्ष और मुख्य विपक्ष के विरोध से हरियाणा सतर्क

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। पंजाब में कृषि विधेयकों के विरोध में सत्तापक्ष और विपक्ष के एक स्वर में बोलने से हरियाणा सरकार अतिरिक्त सतर्क हो गई है। असल में हरियाणा सरकार की चिंता है कि पंजाब के साथ लगते जिलों में किसान भड़क न जाएं। पंजाब के किसानों का हरियाणा में सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, कुरुक्षेत्र तक सीधा प्रभाव रहता है। इसी तरह राज्य सरकार ने राजस्थान से लगते हिसार, रेवाड़ी जिलों में भी किसान आंदोलन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से सतर्कता बरतने को कहा है।

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पंजाब से लगते जिलों में किसान के बीच सक्रिय रहेंगे प्रशासनिक अधिकारी और भाजपा नेता

राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार है। हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ खुद किसानों के बीच सक्रिय हैं। उन्होंने विधायकों से लेकर जिला भाजपा प्रधानों को भी किसानों के बीच जाकर उन्हेंं तीनों कृषि विधेयकों को बारे में विस्तार से बताने का निर्देश दिया है। कृषि विधेयकों को अधिनियम बनाने के लिए संसद के मानसून सत्र में चर्चा चल रही है। दो कृषि विधेयकों को लोकसभा में पारित भी कर दिया गया है।

लोकसभा में विधेयक पारित होने के बावजूद किसानों को समझाने के प्रयास जारी रखेगी सरकार

हरियाणा सरकार कृषि विधेयकों को लेकर किसानों की शंका और आशंका को दूर करने में जुटी है। राज्‍य सरकार आगे भी किसानों को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को जारी रखने सहित अन्‍य व्‍यवस्‍थाओं को जारी रखने को आश्‍वस्‍त करेगी। इसके लिए भाजपा के विधायकों और नेताओं के साथ मंत्री भी सक्रिय रहेंगे।

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'' विपक्ष के जो नेता इन कृषि विधेयकों को किसानों के लिए अनुचित बता रहे हैं, उन्होंने कभी खेत का मुंह नहीं देखा। कांग्रेस ने तो 2019 के चुनाव घोषणा पत्र में भी ऐसे कृषि कानून बनाने की वकालत की थी। किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर विश्वास करते हैं। दोनों नेताओं ने साफ कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी व्यवस्था यथावत रहेगी। किसान चाहे अपनी फसल मंडी में बेचे या फिर मंडी से बाहर, दोनों अवस्था में किसान को फायदा होगा। ये विधेयक किसान की आय दोगुनी करने के द्वार खोल देंगे।

                                                                            - महीपाल ढांडा, भाजपा विधायक, पानीपत ग्रामीण।

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