सुप्रीम कोर्ट के निर्दश के बाद भी एसवाईएल पर अब तक नहीं हुई हरियाणा-पंजाब की बैठक
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद एसवाईएल नहर विवाद पर हरियाणा एवं पंजाब की बैठक नहीं हो पाई है। केंद्र सरकार ने दोनों राज्याें के बीच इस मामले पर सहमति बनाने की बात कही थी।
चंडीगढ़, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद एसवाईएल नहर के निर्माण के मसले का समाधान निकालने के लिए अभी तक हरियाणा और पंजाब के बीच कोई बैठक नहीं हो सकी है। केंद्र सरकार ने पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह दोनों राज्यों के बीच बातचीत कराकर इस मसले का समाधान निकालने के प्रयास में है।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने दिलाया था दोनों राज्यों के बीच सहमति बनाने का भरोसा
इसके लिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट ने तीन माह का समय मांगा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को यहां तक कह दिया था कि भले ही तीन की बजाय चार माह का समय ले लिया जाए, लेकिन एसवाईएल नहर निर्माण मसले का समाधान निकालकर सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा के हक में डिक्री कर रखी है
हरियाणा अपने हिस्से का पूरा पानी मांग रहा है, जबकि पंजाब का कहना है कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए फालतू पानी नहीं है। इस मुद्दे पर दोनों राज्यों में लंबे समय से तनातनी चल रही है। अब अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई है, जिसमें केंद्र, हरियाणा व पंजाब राज्यों को अपना जवाब दाखिल करना है।
अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, अब संघर्ष वाहिनी का 17 से धरना शुरू
दूसरी तरफ एसवाईएल नहर निर्माण के लिए हरियाणा में संघर्ष वाहिनी का गठन पहले ही किया जा चुका है। राजनीतिक दल भले ही अपने-अपने तरीके से एसवाईएल नहर निर्माण की लड़ाई लड़ रहे, लेकिन एसवाईएल हरियाणा संघर्ष वाहनी के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा ने न केवल सुप्रीम कोर्ट में अलग केस दायर कर दिया है, बल्कि केंद्र व राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन की घोषणा भी कर दी है। सत्यवीर हुड्डा अपनी टीम के साथ 17 अगस्त से गोहाना में धरना शुरू करेंगे, जिसका मकसद सरकार पर दबाव बनाने का है।
सत्यवीर हुड्डा ने बताया कि हरियाणा के हक में डिक्री हो चुकी है। इसके बावजूद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अभी तक कोई बैठक बुलानी उचित नहीं समझी। उनके वकीलों की ओर से किसी न किसी बहाने से अदालत में तारीखें ली जा रही हैैं। सत्यवीर हुड्डा की टीम ने दो दिनों तक दिल्ली में भी धरना दिया, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि अब 17 अगस्त से गोहाना में धरना आरंभ होगा, जिसमें सभी राजनीतिक दलों से शामिल होने का आग्र्रह किया गया है। हुड्डा ने सुझाव दिया कि हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के नकारात्मक रुख की जानकारी देते हुए नहर निर्माण का काम फौज के जरिये कराने की मांग करे। उधर, एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी लेकर रहेगा और राज्य सरकार की ओर से तमाम तरह की कोशिशें की जा रही हैैं।
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