हरियाणा के सरकारी विभागों में खूब चला जीएसटी पंजीकृत फर्जी कंपनियों का खेल
हरियाणा में जीएसटी के नाम पर जमकर फर्जीवाड़़े का खेल चल रहा है और सरकार को धड़ल्ले से चूना लगाया जा रहा है। राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में जीएसटी पंजीकृत फर्जी कंपनियों को खेल खूब चल रहा है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा के बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि दिल्ली एनसीआर में निजी कंपनियों में फर्जी बिलों के आधार पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) की चोरी के अनेक बड़े मामले सामने आ चुके हैं। इन निजी कंपनियों द्वारा जीएसटी की चोरी से सरकार को चूना लगाने का काम अब सरकारी विभागों में भी चल रहा है। इस खेल में सरकारी विभागों में विभिन्न प्रकार के विकास कार्य करने वाले ठेकेदार शामिल हुए हैं।
फर्जी कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए जीएसटी आयुक्त को लिखा पत्र
फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त ने जीएसटी आयुक्त को टैक्स चोरी के बड़े मामले की जांच करने के लिए लिखित तौर पर पत्र भी लिखा है। असल में फरीदाबाद और गुरुग्राम नगर निगम में बिना काम किए फर्जी बिलों के आधार पर कुछ ठेकेदारों ने करोड़ों रुपये का भुगतान ले लिया है। इसके अलावा कुछ ठेकेदारों ने अधिकारियों की मिलीभगत से दो सरकारी एजेंसियों से एक ही काम के दो बार भुगतान ले लिए हैं।
बिना काम भुगतान घोटाले में लिप्त ठेकेदार नहीं ले रहे जीएसटी इनपुट क्रेडिट
विभागीय स्तर पर इनकी जांच चल रही है। इस जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी बिल के आधार पर भुगतान पाने वाले ठेकेदार जीएसटी विभाग से इनपुट क्रेडिट भी नहीं वसूल रहे हैं। जबकि यह माना जाता है कि जिस ठेकेदार ने विकास कार्य किया है, उसने सामान खरीदते समय भी जीएसटी अदा किया होगा। इसलिए वह ठेकेदार नगर निगम द्वारा भुगतान के समय काटे गए जीएसटी के लिए क्लेम करेगा मगर ज्यादातर ठेकेदारों ने जीएसटी वापसी के लिए क्लेम नहीं किया। असल में नगर निगम 12 फीसद टैक्स में से 10 फीसद जमा कराने की जिम्मेदारी ठेकेदार पर छोड़ देता है क्योंकि उसे इनपुट क्रेडिट मिलना होता है। बकाया दो फीसद जीएसटी नगर निगम जमा कराता है।
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बड़े लेन-देन के झगड़ों में भी मिल रहा है जीएसटी घोटाला
पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में आ रहे बड़े लेन-देन के झगड़ों में भी जीएसटी घोटाले सामने आ रहे हैं। एनआइटी फरीदाबाद निवासी चरणजीत सिंह का अपने पिता के जानकार जैन बंधुओं से व्यापारिक लेन-देन था। जैन बंधुओं से 74 लाख रुपये का लेन-देन का झगड़ा पुलिस में पहुंचा तो पुलिस ने विस्तृत जांच की। इसमें इस झगड़े की जांच में सामने आया कि जैन बंधु कई कंपनियों में कारोबार करते थे।
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जांच में जिन कंपनियों के बारे में जानकारी जीएसटी विभाग को मिली है, उसके आधार पर एक और जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि इस जांच में 50 से अधिक ऐसी कंपनियों का रिकार्ड मिलेगा जिनमें जीएसटी के फर्जी बिल बनाने का काम होता था।
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