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ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर सरकार की बढ़ी हलचल, बढ़ेंगी बाड्रा व हुड्डा की मुश्किलें

सरकार ने जस्टिस ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर हलचल तेज कर दी है। इसके अध्‍ययन के लिए तीन अफसरों का स्‍टडी ग्रुप बनाया गया है। इससे भूपेंद्र हुड्डा व राबर्ट वाड्रा की मुश्किल बढ़ेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 13 Sep 2016 12:57 PM (IST)Updated: Tue, 13 Sep 2016 01:25 PM (IST)
ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर सरकार की बढ़ी हलचल, बढ़ेंगी बाड्रा व हुड्डा की मुश्किलें

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की मनोहर सरकार ने राबर्ट वाड्रा की कंपनियों के जमीन सौदे सहित अन्य मामलों पर जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर अपनी हलचल तेज कर दी है। इससे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रार्बट वाड्रा और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें जल्द बढ़ सकती हैं। सरकार ने रिपोर्ट के अध्ययन के लिए स्टडी ग्रुप का गठन कर दिया है। इस स्टडी ग्रुप में तीन अधिकारी शामिल किए गए हैैं। यह ग्रुप मुख्यमंत्री को प्रस्तावित कार्रवाई के संबंध में अपनी रिपोर्ट देगा।

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प्रदेश सरकार ने हालांकि जस्टिस ढींगरा की रिपोर्ट का प्राथमिक अध्ययन कर लिया है, लेकिन वाड्रा, डीएलएफ और हुड्डा समेत विभिन्न अफसरों पर कार्रवाई से पहले सरकार कोई कमजोर पहलू नहीं छोडऩा चाह रही है। जींद रैली में जिस तरह से अमित शाह ने वाड्रा और हुड्डा पर प्रहार किए हैैं, उसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि जस्टिस ढींगरा की रिपोर्ट में बहुत कुछ ऐसा है, जिसके आधार पर उन्हें लपेटे में लिया जा सकता है।

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मनोहर लाल सरकार ने जस्टिस ढींगरा की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए बनाया स्टडी ग्रुप

मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति किए गए स्टडी ग्रुप की रिपोर्ट के बाद प्रशासनिक अमले में भी व्यापक स्तर पर फेरबदल होने की संभावना है। बताया जाता है कि करीब छह अधिकारियों पर कार्रवाई होगी तो एक अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा तक दर्ज कराया जा सकता है। स्टडी ग्रुप में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन और एडवोकेट जनरल कार्यालय की ही डबल एजी को इसमें शामिल किया गया है।

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स्टडी ग्रुप को रिपोर्ट देने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। चूंकि इस ग्रुप के गठन के अधिकारिक आदेश नहीं हैैं, लिहाजा जैसे ही रिपोर्ट तैयार होगी मुख्यमंत्री के पास कार्रवाई की सिफारिश कर दी जाएगी। जस्टिस ढींगरा आयोग को गुडग़ांव के सेक्टर-83 व इसके साथ लगते चार गांवों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 वर्षों के कार्यकाल में सीएलयू और कामर्शियल लाइसेंस में अनियमितताओं का पता लगाने का जिम्मा सौंपा गया था।

जस्टिस ढींगरा 31 अगस्त को 182 पन्नों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी। उनकी रिपोर्ट से अफसरशाही में भी खासा हड़कंप मचा हुआ है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार सरकार पर रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्टडी ग्रुप के अफसरों से कहा है कि वे रिपोर्ट का बारीकी से अध्ययन करें ताकि इस पर एक्शन लेने के बाद कोई कानूनी या तकनीकी पेंच न फंस सके।


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