हरियाणा सरकार ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा से लिया सबक, उठाया यह बड़ा कदम
हरियाणा सरकार ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से हुई हिंसा से सबक लिया है। राज्य सरकार डॉक्टरों के लिए सुरक्षा की व्यवस्था करेगी और इसके लिए होमगार्ड तैनात करेगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा से सबक लिया है। सरकार राज्य में सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हो गई है। प्रदेश सरकार ने अब सरकारी अस्पतालों में होमगार्ड के जवान तैनात करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सोमवार को चिकित्सक दिवस पर इसका ऐलान किया था। अब उन्होंने होमगार्ड के महानिदेशक को पत्र लिखकर सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की सुरक्षा के लिए होमगार्ड के जवान तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा करेंगे हाेमगार्ड के जवान, स्वास्थ्य मंत्री ने डीजी होमगार्ड को लिखा पत्र
मनोहर सरकार ने बंगाल में डाक्टरों के साथ हुई हिंसा को हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में होमगार्ड जवानों की तैनाती का बड़ा आधार बनाया है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के मुताबिक सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों ने कई बार उनसे इस बारे में अनुरोध किया था। राज्य के अस्पतालों में कई घटनाएं ऐसी हो चुकी, जिनसे डाक्टर डरे हुए थे। इसलिए उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार खासी गंभीर है।
स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों के बीच बढ़ रही असुरक्षा की भावना बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा रोड़ा बन रही है। डाक्टरों व मरीजों के परिजनों के बीच आए दिन होने वाले झगड़ों की वजह से डाक्टर सरकारी सेवाओं में आने से डरते हैं। यह भी एक कारण है कि राज्य में डाक्टरों की कमी पूरी नहीं हो पा रही है। राज्य में अभी 550 पद डाक्टरों के खाली चल रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में अनिल विज ने कहा कि हरियाणा के सभी सरकारी अस्पतालों में होमगार्ड तैनात होंगे। डीजी होमगार्ड को लिखे पत्र में इस बात के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं। इससे होमगार्ड के जवानों को भी काम मिलेगा तथा उन्हें सम्मानजनक ड्यूटी करने का मौका हासिल हो सकेगा।
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उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है, जिसके लिए हर संभव प्रयास होंगे। चार साल में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार हुआ है। राज्य में शिशु मृत्यु दर 41 से घटकर 30 तथा मातृ मृत्यु दर 127 से घटकर 101 रह गई है। कुरुक्षेत्र में बनाए गए श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में पहली बार आयुर्वेद के 5 विषयों में 24 पीजी सीटों पर इसी सत्र से दाखिले होंगे। पंचकूला में एनआइए की स्थापना की जा रही है।