ब्राह्मणों पर सवाल के मामले में एक और मंत्री नाराज, अभिमन्यु ने की जांच की मांग
एचएसएससी की जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा में ब्राह्मणों पर पूछे गए विवादित सवाल का मामला शांत नहीं हो रहा है। अब वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने भी इस पर नाराजगी जताई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की सिविल जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा में ब्राह्मणों के बारे में आपत्तिजनक सवाल पूछे जाने का विवाद समाप्त नहीं हो रहा है। आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती द्वारा व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने तथा प्रश्नपत्र तैयार करने वाले मुख्य परीक्षक को प्रतिबंधित करने के बावजूद विवाद तूल पकड़ रहा है। राज्य के एक और वरिष्ठ मंत्री ने इस मामले में सवाल उठाया है। राज्य के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने पूरे मामले पर आपत्ति जताई है और इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती को लिखी चिट्ठी
इससे पहले राज्य शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा तथा कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने इस मामले में विरोध जताया था। अब वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने भी ब्राह्मणों पर परीक्षा में सवाल पूछे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। कैप्टन ने हरियाणा कर्मचारी आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए तथा प्रश्नपत्र सेट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। तीन कैबिनेट मंत्रियों द्वारा इस मामले पर नाराजगी जताए जाने के बाद आयोग के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर सरकार पद दबाव बढ़ सकता हैै।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला और आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद समेत समूचा विपक्ष ब्राह्मणों को अपमानित करने वाला सवाल परीक्षा में पूछे जाने से गुस्से में हैै। राज्य सरकार के मंत्रियों की नाराजगी ने मामला गर्म हाेने की संभावना है। राज्य के ब्राह्मण संगठन लगातार आयोग के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अपना विरोध दर्ज करा रहे हैैं।
वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने चेयरमैन भारत भूषण भारती को इस बारे में चिट्ठी में लिखी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रश्नपत्र कोई एक व्यक्ति सेट नहीं करता। प्रश्नपत्र सेट करने वाले व्यक्तियों का एक समूह होता है। ब्राह्मणों व महिलाओं के विरुद्ध पूछे जाने वाले सवाल पर किसी का भी ध्यान नहीं जाने से स्पष्ट है कि दाल में कुछ काला है।
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कैप्टन ने पत्र में कहा है कि प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल राज्य की सामाजिक समरसता के खिलाफ हैैं। उन्होंने कहा कि 'हरियाणा एक-हरियाणवी एक' तथा 'सबका साथ-सबका विकास' के राज्य सरकार के नारे पर भी यह सवाल कुठाराघात कर रहा है। इसलिए पूरे मामले की गंभीरता तथा गहराई से जांच कराई जानी चाहिए।
बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अायोजित जूनियर सिविल इंजीनियर की लिखित परीक्षा में प्रश्न पत्र में ब्राह्मणों से जुड़े एक विवादास्पद सवाल पूछा यगा था। मामला संज्ञान में आते ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने खेद जताते हुए तत्काल प्रभाव से इस प्रश्न को हटाते हुए दोषी अफसर के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी।
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10 अप्रैल को ली गई इस परीक्षा में 75वें नंबर के सवाल में पूछा गया था कि कौन-सा हरियाणा में अपशकुन नहीं माना जाता है? जवाब में चार विकल्प दिए गए जिसमें पहला खाली घड़ा, दूसरा फ्यूल भरा कास्केट, तीसरा काले ब्राह्मण से मिलना और चौथा ब्राह्मण कन्या को देखना था।
विवाद के बाद हटाया सवाल, आयोग ने कहा- दोषी पर हाेगी कार्रवाई
परीक्षा की उत्तर कुंजी में सही उत्तर ब्राह्मण कन्या को देखना दर्शाया गया है। इसे इश्यू बनाते हुए अखिल भारतीय ब्राह्मण आरक्षण संघर्ष समिति ने कई स्थानों पर प्रदर्शन करते हुए पूछा कि क्या काले ब्राह्मण से मिलना अपशकुन है? इसके साथ ही दोषियों पर केस दर्ज करने की मांग को लेकर विभिन्न स्थानों पर ज्ञापन सौंपे गए।
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जूनियर सिविल इंजीनियर की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र। अंतिम प्रश्न पर हंगामा मचा।
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एचएसएससी के चेयरमैन ने दी थी सफाई
मामला गरमाने के बाद कर्मचारी चयन आयोग ने सफाई दी थी। आयाेग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने कहा था कि आयोग के कार्यालय की ओर से न तो प्रश्नों को पढ़ा गया और न ही निरीक्षण किया गया। परीक्षा हॉल में प्रश्नपत्र खुलने के बाद ही गलत सवाल का पता चला। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस प्रश्न को वापस ले लिया गया है।
विवाद के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जारी पत्र।
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