हरियाणा में किसानों को जमीन का डबल मुआवजा, शहरी गरीबों पर भी इनायत
हरियाणा सरकार किसानों और शहरी क्षेत्र के गरीबों पर खास मेहरबान हो गई है। सरकार ने किसानों को अधिग्रहीत भूमि के लिए डबल मुआवजा देने व शहरी गरीबों को मकान देने का फैसला किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में अब किसानों को उनकी अधिगृहीत जमीन का डबल मुआवजा मिलेगा। मुआवजे पर सरकार ने सौ फीसद सोलेशियस (सांत्वना राशि) देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही सरकार ने शहरी क्षेत्र के गरीबों पर भी मेहरबानी की है। उन्हें अपना घर मिलेगा।
नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के मुताबिक अगर ग्रामीण क्षेत्र की यह जमीन किसी सरकारी या अर्द्ध सरकारी काम के लिए अधिगृहीत की जाती है और यह जमीन साथ लगते किसी भी शहरी क्षेत्र से 30 किलोमीटर दूर है तो उस जमीन का सरकारी मुआवजा मार्केट रेट का डबल रहेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इसे मंजूरी प्रदान की गई।
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राजस्व विभाग ने मुआवजा डबल करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था, क्योंकि विकास परियोजनाओं के लिए जमीन की कमी आड़े आने लगी थी। मुआवजा राशि बढऩे के बाद अब सरकारी परियोजनाओं के लिए जमीनों की किल्लत खत्म होने में मदद मिल सकेगी।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के अनुसार हरियाणा कैबिनेट ने मुआवजा तय करने के लिए फैक्टर एक से दो तक करने का प्रावधान किया है। यह फैक्टर उतना ज्यादा होगा, जितनी जमीन की दूरी शहर से अधिक होगी। अगर जमीन शहर से 10 किलोमीटर दूर है तो फैक्टर 1.25 से गुणा होगा। अगर जमीन 10 से 20 किलोमीटर की बीच की दूरी पर है तो फैक्टर 1.5 होगा।
वित्त मंत्री के अनुसार जमीन की दूरी अगर 20 से 30 किलोमीटर के बीच में होगी तो फैक्टर 1.75 रहेगा। 30 किलोमीटर से ज्यादा दूरी वाली जमीन पर मुआवजे की गुणा का फैक्टर 2 रहेगा। जमीन की मार्केट कीमत निकालने के लिए सबसे पहले जमीन के सामाजिक प्रभाव आकलन की अधिसूचना जारी होगी। जिस दिन अधिसूचना जारी होगी, उस दिन से तीन साल तक उस क्षेत्र की जमीन की बिक्री की जितनी भी रजिस्ट्रियां होंगी, उनमें सबसे अधिक रजिस्ट्रियों में से आधी का औसत निकाला जाएगा। साथ ही कलेक्टर रेट का आकलन होगा। इनमें जो भी ज्यादा होगा वही मार्केट कीमत माना जाएगा।
अगर जमीन 10 से 20 किलोमीटर के बीच में है और उसकी मार्केट कीमत 20 लाख रुपये है तो किसान को 60 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। इस जमीन में 1.5 का गुणात्मक फैक्टर काम करेगा। इसमें सोलेशियम की राशि 30 लाख रुपये मानी जाएगी। अगर जमीन पर कोई भवन बना है तो उसके दाम पर भी सोलेशियम मिलेगा।
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शहरी गरीबों को भी मिलेगी छत
इसके साथ ही हरियाणा सरकार शहरों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों के अपने घर का सपना पूरा होने जा रहा है। मनोहर सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहले से लागू अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का विस्तार शहरों तक करने का फैसला किया है। इसका फायदा उन लाखों लोगों को होगा जिनके पास शहरों में हुडा के किसी सेक्टर अथवा हाउसिंग बोर्ड की किसी कालोनी में अपना कोई घर नहीं है। ऐसे लोगों को स्कीम में प्राथमिकता दी जाएगी।
कैबिनेट की बैठक में इस योजना का विस्तार शहरों तक करने का निर्णय किया गया। राज्य सरकार शहरी क्षेत्र में आवास के लिए पहले ही सर्वे करा चुकी है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के अनुसार योजना को अपनाने वालों को रिहायशी प्लाटेड कालोनियों में लागू फीस और शुल्क जैसे लाइसेंस फीस, परिवर्तन शुल्क, वाह्य विकास शुल्क, आंतरिक विकास शुल्क में 25 फीसद की छूट भी मिलेगी।
हुडा का नाम बदलकर एचएसवीपी हुआ
हरियाणा सरकार ने हरियाणा अरबन डेवलपमेंट अथारिटी (हुडा) का नाम बदलकर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) करने को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी। काबिल-ए-गौर है कि हुडा का नाम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम से मिलता जुलता था, जिस कारण स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इसका विरोध किया था। उसके बाद नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार हुआ।
नौकरियों में सामाजिक आर्थिक स्थिति का आकलन
हरियाणा सरकार ने तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में इंटरव्यू सिस्टम खत्म करने के अपने पुराने फैसले को मंजूरी प्रदान की है। कैबिनेट की बैठक में अब 90 फीसद अंक लिखित परीक्षा के होंगे और 10 फीसदी अंक का वेटेज सामाजिक आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर दिया जाएगा। इसका क्राइटेरिया पहले ही तय किया जा चुका है।
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