कपास पर मार्केट फीस के खिलाफ कॉटन मिलर्स लामबंद, 50 करोड़ का रिफंड मांगा
हरियाणा सरकार ने पहली अगस्त 2016 से मार्केट फीस दो फीसद से घटाकर 80 पैसे करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इस पर अमलीजामा नहीं पहनाया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। घोषणा के करीब दो साल बाद भी कपास पर मार्केट फीस दो फीसद से 80 पैसे नहीं किए जाने से हरियाणा के कॉटन मिलर्स और उद्योगपतियों का संयम जवाब दे गया है। जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लागू होने के बावजूद वसूली जा रही मार्केट फीस के खिलाफ लामबंद कॉटन मिलर्स ने सरकार से करीब 50 करोड़ रुपये का रिफंड मांगा है।
हरियाणा कॉटन एंड जिनर मिलर एसोसिएशन की बैठक में यह मुद्दा उठा। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग की मौजूदगी में हुई बैठक में एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली अगस्त 2016 से कपास पर मार्केट फीस दो फीसद से घटाकर 80 पैसे करने की घोषणा कर दी थी, लेकिन अभी तक किसानों और मिलर्स को इसका फायदा नहीं मिला है।
एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में टैक्सटाइल हब बनाने की बात हो रही है, लेकिन जब अधिक मार्केट फीस के कारण कॉटन उद्योग ही सुरक्षित नहीं होगा तो टैक्सटाइल मिलें कैसे कामयाब हो सकेंगी। इसलिए सरकार तत्काल प्रभाव से मार्केट फीस कम करे और दो सालों में कॉटन उद्योगपतियों से वसूले गए 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिफंड करे।
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