मंत्री समूह की बैठक में सीएम ने अफसरों से पूछा कितना काम हुआ
मंत्री समूह की बैठक में पहली बार प्रशासनिक सचिव भी शामिल हुए। सीएम ने उन्हें 31 मार्च तक घोषणाओं को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन में अधिकारियों की ढिलाई पर सरकार का रुख सख्त होता जा रहा है। मंगलवार को मंत्री समूह की बैठक में अधिकतर विभागों के प्रशासनिक सचिवों को बुलाकर उनसे मंत्रियों के सामने ही उनके विभागों की घोषणाओं पर अब तक हुई प्रगति की रिपोर्ट मांगी गई।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लंबित घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रशासनिक सचिवों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम घोषणाओं के क्रियान्वयन में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने हर सप्ताह प्रशासनिक सचिवों को प्रगति रिपोर्ट देने और सभी फिजिबल घोषणाओं को 31 मार्च तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए।
यह पहली बार है जब सीएम घोषणाओं की प्रगति रिपोर्ट लेने के लिए सभी प्रशासनिक अफसरों को भी बैठक में रहने को कहा गया। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि घोषणाओं के क्रियान्वयन में अगर कहीं कोई अड़चन है तो उसे तुरंत दूर किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों से कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष की घोषणाओं व योजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जाए। सीएम ने युवा महोत्सव और हरियाणा प्रवासी सम्मलेन के सफल आयोजन के लिए संबंधित विभागों और नोडल एजेंसियों की पीठ थपथपाई। बैठक में भाजपा कार्यसमिति में मिले सुझावों पर भी मंत्रियों के साथ चर्चा की। अधिकतर मंत्री इस पर सहमत थे कि सुशासन और सबका साथ सबका विकास की दिशा में कुछ सुझाव कारगर साबित हो सकते हैं। इन्हें अमलीजामा पहनाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ी-लिखी पंचायतों को और अधिकार देने की जरूरत है। सभी विभागों के अधिकारी समीक्षा कर बताएं कि कौन सी सेवाएं पंचायती राज संस्थाओं के हवाले की जा सकती हैं। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन समेत चार मंत्री शामिल नहीं हो पाए।
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