दिल्ली रैली की कमान अपने हाथ में चाह रहा हुड्डा खेमा
दिल्ली में होने वाली कांग्रेस रैली काे लेकर पार्टी की हरियाणा इकाई में घमासान की हालत है। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का खेमा चाहता है कि रैली में भीड़ जुटाने की कमान उसे मिले।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दिल्ली रैली से पहले हरियाणा कांग्रेस में जमकर बवाल होने की संभावना हैै। दिल्ली की रैलियों में अक्सर भीड़ जुटाने वाले हुड्डा खेमे पर इस बार भी इसका पूरा दारोमदार होगा, लेकिन इस बार हुड्डा खेमे की रणनीति कुछ अलग होगी। हुड्डा खेमा दिल्ली रैली की कमान सीधे अपने हाथ में चाह रहा है। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी कमलनाथ द्वारा मंगलवार 17 अप्रैल को बुलाई गई प्रदेश के कांग्रेस विधायकों की बैठक में हुड्डा को बड़ी जिम्मेदारी देने का मुद्दा उठेगा।
राहुल गांधी की रैली से पहले हरियाणा कांग्रेस में बवाल के आसार
माना जाता है कि 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हुड्डा की आज भी कांग्रेस हाईकमान में पूरी पकड़ है। इसके बावजूद हुड्डा को संगठन की कमान नहीं सौंपे जाने से उनके समर्थक विधायकों में नाराजगी है। भाजपा सरकार ने जिस तरह से हुड्डा पर सीबीआइ जांच का शिकंजा कस रखा है, उसे देखकर लग रहा कि कांग्रेस हाईकमान इस मामले में अभी इंतजार के मूड में है। दूसरी ओर, हुड्डा समर्थक विधायकों की दलील है कि यदि उन्हें समय से जिम्मेदारी नहीं दी गई तो चुनाव से पहले माहौल बनाने में दिक्कत आ सकती है।
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29 अप्रैल की राहुल गांधी की दिल्ली रैली हुड्डा खेमे के लिए बड़ा हथियार बन सकती है। राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली रैली कर रहे हैं, जिसमें उन्नाव व कठुआ रेप केस के मामलों समेत बढ़ते अपराधों पर मोदी सरकार को घेरा जाएगा। हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है और हुड्डा को जनता व किसानों का नेता माना जाता है, इसलिए भीड़ जुटाने का पूरा दारोमदार हुड्डा पर ही टिका है।
कमलनाथ की बैठक में हुड्डा समर्थक 12 विधायक अपने नेता को बड़ी जिम्मेदारी देने की मांग करेंगे। हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की खुली मांग तो नहीं होगी, लेकिन इशारे में कहा जाएगा कि हुड्डा को पहले दिल्ली रैली का इंचार्ज बनाया जाए फिर प्रदेश की जिम्मेदारी मिले, ताकि भीड़ जुटने के बाद इसका श्रेय कोई दूसरा खेमा न ले सके।
बैठक में कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर, कांग्रेस मीडिया विभाग के इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला और कुलदीप बिश्नोई भी होंगे। ऐसे में उनके द्वारा हुड्डा समर्थक विधायकों की इस मांग का विरोध किया जा सकता है। हुड्डा खेमे की इस नई रणनीति कांग्र्रेस हाईकमान असमंजस में है।