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JJP से जुड़े विधायकों ने कहा- हमने नहीं छोड़ा इनेलो, लागू नहीं होता दलबदल विरोधी कानून

जेजेपी से जुड़े चार विधायकों ने स्‍पीकर को दलबदल के मामले पर अपने जवाब सौंप दिए हैं। उन्‍होंने कहा है हमने इनेलो नहीं छोड़ा है और इस कारण हम पर दलबदल कानून लागू नहीं होता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 06:03 PM (IST)
JJP से जुड़े विधायकों ने कहा- हमने नहीं छोड़ा इनेलो, लागू नहीं होता दलबदल विरोधी कानून
JJP से जुड़े विधायकों ने कहा- हमने नहीं छोड़ा इनेलो, लागू नहीं होता दलबदल विरोधी कानून

चंडीगढ़, जेएनएन। सार्वजनिक मंचों से जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का समर्थन कर रहे इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के चारों विधायकों ने दलबदल के आरोपों से इन्‍कार किया है। विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर को दिए जवाब में चारों विधायकों ने दावा किया कि वे न तो पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और न दलबदल कानून पर उन पर लागू होता है। मामले की सुनवाई अब 6 अगस्त को होगी। इन विधायकों ने कहा है कि उन्‍होंने इनेलाे नहीं छोड़ा है और इस कारण उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होता है।

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जेजेपी समर्थक नैना चौटाला, अनूप धानक, राजदीप फौगाट और पिरथी नंबरदार ने स्पीकर को दिया जवाब

डबवाली की विधायक नैना सिंह चौटाला, दादरी के विधायक राजदीप सिंह फौगाट, उकलाना के अनूप धानक और नरवाना से विधायक पिरथी सिंह नंबरदार के खिलाफ फतेहाबाद से इनेलो विधायक रहे बलवान सिंह दौलतपुरिया ने विधानसभा अध्यक्ष के पास दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग कर रखी थी।

इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला के निर्देशों पर शिकायत करने वाले दौलतपुरिया हालांकि खुद भी विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके, लेकिन विधानसभा स्पीकर के पास मामले की सुनवाई फिर भी चल रही है। सीलबंद लिफाफे में आए चारों विधायकों के जवाब मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के सामने खोले गए। चारों का जवाब लगभग एक जैसा ही है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि वे कभी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं रहे। एक आम आदमी होने के नाते उन्हें कहीं भी घूमने और किसी भी आयोजन में भाग लेने का अधिकार है।

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विधायकों का कहना है कि जेजेपी की सदस्यता भी उन्होंने ग्रहण नहीं की है, ऐसे में दलबदल कैसे हुआ। इसी तरह से दलील दी गई है कि विधानसभा के अंदर उन्होंने कभी  डेकोरम को नहीं तोड़ा। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप तो तभी सही माने जाते, जब वे सदन के अंदर भी पार्टी के खिलाफ जाते। आज तक एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया जब पार्टी द्वारा व्हिप जारी किया गया हो और वे विधानसभा में न पहुंचे हों।

विधानसभा अध्यक्ष ने चारों के जवाब पढऩे के बाद आगे की कार्यवाही के लिए अपने सचिवालय में भेज दिया। स्पीकर की स्वीकृति के बाद इस मामले की सुनवाई के लिए 6 अगस्त की तारीख तय की गई है। इसी दिन विधायकों पर लगे आरोपों और उनके जवाब पर सुनवाई शुरू होगी। विधानसभा सचिवालय की ओर से जल्द ही चारों विधायकों को नोटिस भेजकर उन्हें अगली तारीख के बारे में सूचित किया जाएगा।

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दरअसल, नैना सिंह चौटाला के बेटे व पूर्व सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला ने पिछले साल जेजेपी का गठन किया था। चारों विधायकों पर आरोप हैं कि वे इनेलो की बजाय जेजेपी के लिए काम कर रहे हैं। दलबदल के तहत उनकी सदस्यता रद करने की मांग याचिका में की गई है।

कांग्रेस में शामिल हो चुके नसीम अहमद को भी नोटिस जल्द

फिरोजपुर-झिरका से इनेलो विधायक नसीम अहमद की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। नसीम ने संसदीय चुनावों के दौरान कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी। इस दौरान वह कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी गुलाम नबी आजाद से भी मिले। रानियां से इनेलो विधायक रामचंद्र कंबोज ने नसीम के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की हुई है। याचिका पर अहमद को भी कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा। अभी तक इनेलो छोड़कर पांच विधायक भाजपा में शामिल हो चुके, लेकिन पांचों ने ही पहले विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया।

स्पीकर दोनों पक्षों को आमने-सामने कर दागेंगे सवाल

'' इनेलो के चार विधायकों पर दलबदल विरोधी कानून के तहत छह अगस्त को मामले की सुनवाई शुरू करेंगे। इस दिन चारों विधायकों के अलावा शिकायतकर्ता पक्ष के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। दोनों से आमने-सामने सवाल किए जाएंगे। अगर शिकायतकर्ता दलबदल साबित करने में कामयाब रहे तो चारों विधायकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

                                                                                            - कंवरपाल गुर्जर, विधानसभा अध्यक्ष।

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