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यहां रेत में बैठकर करते हैं छात्र पढ़ाई मेरे भाई

संवाद सहयोगी, तावडू : जहां सरकार मेवात में शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए अनेक दावे कर रही है वह

By Edited By: Published: Thu, 05 Mar 2015 03:36 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2015 03:36 PM (IST)

संवाद सहयोगी, तावडू : जहां सरकार मेवात में शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए अनेक दावे कर रही है वहीं बदहाल कस्बा का प्राथमिक विद्यालय इन खोखले दावों की पोल खोल रहा है। स्कूल का आधा अधूरा भवन जिसमें न दरवाजे हैं न खिड़कियां, न पीने के लिए पानी है और न ही शौचायल। शिक्षा अधिकारी के पास बात तक करने का समय नहीं। कस्बावासी इसे शिक्षा अधिकारियों की अनदेखी मान रहे हैं।

यदि शिक्षा विभाग की लापरवाही का नमूना देखना हो तो तावडू स्थित भीमनगर जटवाड़ा का राजकीय प्राथमिक विद्यालय आइए। आधे-अधूरे भवन में दिसंबर तक मोहल्ले के पशु बंधते थे। भवन पर पलास्टर तक नहीं है। विशेष बात तो यह है कि पूरे भवन में बरामदे से लेकर कमरों में कहीं फर्श नहीं है। बच्चे रेत में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जो विभाग के लिए शर्मनाक बात है।

मेवात में आज भी ऐसे सरकारी स्कूल हैं जिनमें छत है। बाकी सुविधाएं स्कूल के भवन से नदारद हैं। छात्रों को बैठने के लिए बेंच तो सोच से परे है, पट्टिया तक नहीं हैं। विद्यालय का आगन कूडे़ कर्कट से अटा पड़ा है। भवन निर्माण सामग्री के ढेर लगे है, इसके कारण बच्चे दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। विद्यालय परिसर की चारदीवारी तक नहीं की गई है, जिससे आवारा पशु कुत्ते बेरोक टोक आ जाते हैं। स्कूल में पानी से लेकर शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है।

नगरवासी समाजसेवी जयसिंह, पूर्व पालिकाध्यक्ष मागेराम, चेयरमैन राजेश आदि ने शिक्षा विभाग अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों की लापरवाही सरकार की बदनामी का कारण बन रही है। शिक्षा अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो यह विद्यालय हरिजन चौपाल में चलता था, फिर मंदिर में चलाया गया। अब जनवरी से इस अधूरे भवन में बच्चों को लाकर डाल दिया। विद्यालय में 246 बच्चों के नाम दर्ज हैं, लेकिन आ रहे हैं केवल 50-60 बच्चे। दोपहर का खाना बनाने के कमरे में भी गंदगी पसरी है। धूल मिट्टी के बीच खाना बनाकर बच्चों को दिया जा रहा है।

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शिक्षा अधिकारियों के पास नहीं संतोषजनक जवाब

इस बारे में जब मौलिक शिक्षा अधिकारी मजोका से संपर्क किया गया तो उनके पास समस्या सुनने तक का समय नहीं था। मैं खंड शिक्षा अधिकारी को भेजूंगा कहकर बात समाप्त कर दी गई।

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भवन की हालत कैसे सुधरेगी..

खंड शिक्षा अधिकारी रणधीर सिंह ने भवन की स्थिति के बारे में कहा कि निर्माण के समय खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध मामला चल रहा है, लेकिन इस भवन की हालत कैसे सुधरेगी, इसका कोई उत्तर नहीं दे पाए। हा शौचालय के लिए इस्टीमेट भेजा हुआ है। पास होते ही बनवा दिए जाएंगे।


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