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लाकडाउन में सड़कें कम हुई लाल, डेढ़ माह में 39 हादसे, 18 मौत

कुरुक्षेत्र कोरोना महामारी से निपटने के लिए लगाए लाकडाउन से लोग घरों में सुरक्षित हैं तो जिदगी लील रहे सड़क हादसों का ग्राफ भी गिरा है। बेशक इस बार लाकडाउन में आवाजाही पर पूर्ण अंकुश न लगाया हो मगर लोग घरों से कम ही निकले।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 06:31 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 06:31 AM (IST)
लाकडाउन में सड़कें कम हुई लाल, डेढ़ माह में 39 हादसे, 18 मौत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कोरोना महामारी से निपटने के लिए लगाए लाकडाउन से लोग घरों में सुरक्षित हैं तो जिदगी लील रहे सड़क हादसों का ग्राफ भी गिरा है। बेशक इस बार लाकडाउन में आवाजाही पर पूर्ण अंकुश न लगाया हो, मगर लोग घरों से कम ही निकले। इसी का परिणाम है कि बीते डेढ़ माह में 39 हादसों में 19 लोगों की मौत हुई। राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर जिले की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही तो रही, मगर आमजन घरों में ही रहे। राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी वाहनों की आजावाही खूब रही। आम लोगों के सड़कों पर कम निकलने के कारण हादसे कम हुए हैं। अप्रैल माह में जहां 40 सड़क हादसे हुए थे, वहीं एक मई से 13 जून तक 39 हादसे हुए।

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कोरोना महामारी के चलते जिदगी की रफ्तार कम हुई है। बेवजह घर से बाहर निकलने वालों पर पुलिस सख्ती से पेश आई। पुलिस की यह सख्ती सड़क हादसों को रोकने में काफी कारगर साबित हुई है। कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश में लाकडाउन लगाया। इसी लाकडाउन का परिणाम है कि कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगा और अब बेहद कम मामले सामने आ रहे हैं। अप्रैल माह में 40 सड़क हादसों में 19 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 22 लोग घायल हुए थे। एक मई से 13 जून तक 39 सड़क हादसे हुए, जिनमें 18 लोगों की मौत हुई, जबकि 28 लोग घायल हुए हैं।

पिछले साल हुए थे छह सड़क हादसे

वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक पहले चरण में 21 दिन का लाकडाउन लगाया था। इस अवधि में महज छह सड़क हादसे हुए, इस दौरान केवल तीन मौत ही हुई और तीन लोग घायल हुए। हालांकि लाकडाउन से पहले पांच मार्च से 24 मार्च तक 25 सड़क हादसे हुए तो 16 जिदगियां लील ली। 21 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

वर्जन :

डीएसपी यातायात नरेंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। नाकों पर हर वाहन की जांच की जा रही है। लाकडाउन के कारण वाहनों की आवाजाही कम होने से हादसों में भी कमी हुई है। पुलिस का प्रयास है कि दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों की पहचान कर वहां हादसा रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।


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