किसानों पर लाठीचार्ज के एक दिन बाद जजपा विधायक रामकरण काला ने हरियाणा शुगरफेड से चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा
हरियाणा शुगरफेड के विधायक रामकरण काला ने चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंगलवार किसानों पर लाठीचार्ज होते ही एक दिन के अंदर किसानों की मांग पूरी न होने पर इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कुरुक्षेत्र के शाहबाद में जीटी रोड पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में हरियाणा शुगर फेडरेशन के चेयरमैन रामकरण काला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रामकरण काला शाहबाद से जननायक जनता पार्टी के विधायक हैं।
दुष्यंत चौटाला को सौंपा इस्तीफा
उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बजाय उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को अपना इस्तीफा सौंपा है। अब उप मुख्यमंत्री को फैसला करना है कि काला के इस्तीफे को स्वीकृत करने के लिए वह मुख्यमंत्री के पास भेजते हैं अथवा नहीं। प्रदेश सरकार ने विधायक रामकरण काला को जजपा कोटे से चेयरमैन बनाया था।
रामकरण काला राज्य में ऐसे तीसरे विधायक हैं, जिन्होंने किसानों के हितों की दुहाई देते हुए इस्तीफा दिया है। उनसे पहले चरखी दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने किसान संगठनों के आंदोलन के दौरान चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था, जबकि ऐलनाबाद के इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने विधायक पद से ही त्यागपत्र दे दिया था।
किसानों ने किया था रोड जाम
सोमवीर सांगवान किसान संगठनों का आंदोलन खत्म होने के बाद प्रदेश सरकार में दोबारा चेयरमैन बन गए थे। सूरजमुखी की फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किए जाने की मांग को लेकर किसानों ने दो दिन पहले जीटी रोड जाम कर दिया था।
हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि जीटी रोड बंद नहीं रहना चाहिए और इसे यातायात के लिए खुलवाया जाए, जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इसके विरोध में शाहबाद के जेजेपी विधायक रामकरण काला ने बुधवार को भाजपा सरकार के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल की मौजूदगी में 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए इस्तीफे की चेतावनी दी थी।
किसान आंदोलन से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे रामकरण काला
रामकरण काला किसानों के आंदोलन से सबसे अधिक प्रभावित हैं। सूरजमुखी की सबसे अधिक खेती कुरुक्षेत्र जिले में ही होती है। सूरजमुखी का एमएसपी 6400 रुपये प्रति क्विंटल था। केंद्र सरकार ने गत दिवस ही सूरजमुखी के एमएसपी में बढ़ोतरी कर इसे 6760 रुपये प्रति क्विंटल किया है।
1000 रुपए प्रति क्विंटल देने का सरकार ने किया ऐलान
भावांतर भरपाई योजना के तहत सरकार ने सूरजमुखी उत्पादक किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल देने का ऐलान कर रखा है। किसानों का कहना है कि खुले बाजार में सूरजमुखी के रेट 3500 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रहे हैं।
ऐसे में सरकार के भावांतर भरपाई योजना के एक हजार रुपये भी इसमें जोड़ लिए जाएं तो किसानों का घाटा पूरा नहीं होता।
कुरुक्षेत्र के शाहबाद के जजपा विधायक रामकरण काला ने कहा,
मैं बार-बार विवाद को टलवाने की कोशिश करता रहा मैंने सरकार और किसानों में सहमति के लिए कई बार कोशिश की। लगातार तीन दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मिला। पूरा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया, लेकिन मेरी सुनवाई नहीं हुई।
मैं हर बार कहता रहा कि किसानों के साथ कोई दुर्घटना न हो। उन पर लाठियां न चलें। फिर भी लाठीचार्ज हुआ। मेरे हलके में मेरे किसान भाइयों के सिरों पर चलने वाली लाठियां मेरे सिर पर चली हैं। इस कारण मैं अपने किसान साथियों के समर्थन में चेयरमैन पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
मैंने डिप्टी सीएम और सीएम से मांग की है कि प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को तुरंत निरस्त किया जाए और गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा किया जाए।