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सरकार ने ओवरलोड जांच का सिस्टम बदला, परिवहन मंत्री ने दो बार छापा मारा? समस्या फिर भी जस की तस

जागरण संवाददाता, करनाल : सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? बस यहीं कि कोई ऐसा सिस्टम

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 08:10 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 08:10 PM (IST)
सरकार ने ओवरलोड जांच का सिस्टम बदला, परिवहन मंत्री ने दो बार छापा मारा? समस्या फिर भी जस की तस

जागरण संवाददाता, करनाल :

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सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? बस यहीं कि कोई ऐसा सिस्टम हो, जिसमें हमारी दिक्कत दूर हो जाए। अगर यहीं उम्मीद है तो इस सरकार ने पूरीकर दी। . लेकिन शिकायत दूर नहीं हो रही। बात कर रहे हैं ओवरलोड वाहनों की। सड़क पर होने वाले कुल हादसों में ओवरलोड वाहन चालक 55 प्रतिशत जिम्मेदार हैं। ओवरलोड वाहन माफिया का गैंग तोड़ने के लिए सरकार ने इंटरस्टेट चेक पोस्ट सिस्टम बनाया। जांच का सिस्टम पारदर्शी तरीके से चले। इसलिए परिवहन विभाग या पुलिस को ही जिम्मेदारी न देकर 18 विभागों को जांच में शामिल किया। परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार खुद दो बार छापा मार चुके। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

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संडे को फिर मंत्री ने छापा मारा

इंटर स्टेट चेक पोस्ट मंगलौरा पर तैनात कर्मचारियों द्वारा ओवरलोड वाहनों से उगाही करने और ड्यूटी से नदारद रहने की शिकायत पर मंत्री ने आरटीए टीम के साथ चेक पोस्ट पर छापा मारा तो यहां से चार कर्मचारी ड्यूटी से गैर हाजिर मिले। चारों को सस्पेंड कर दिया गया। चेक पोस्ट पर कर्मचारियों का ढीला रवैया इस बात की ओर साफ संकेत कर रहा था कि यहां गड़बड़झाला जमकर किया जा रहा है। क्योंकि सुबह से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक चेक पोस्ट पर महज पांच ओवरलोड वाहनों के चालान हुए। जबकि मंत्री ने चेक पोस्ट की राह में आते हुए ही आठ ओवरलोड वाहनों के चालान कराते हुए उन्हें इंपाउंड करा दिया। इन वाहनों पर चार लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

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ओवरलोड रोकने के जो जिम्मेदार, वह केबिन में फरमा रहे आराम

मंगलोरा चेकपोस्ट पर ओवरलोड वाहनों की चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। मंत्री जब छापा मारने यहां पहुंचे तो इंचार्ज देवेंद्र मान सहित कर्मचारी केबिन में आराम फरमाते हुए मिले। यह स्थिति देखकर मंत्री की भौंहे तन गई और उन्होंने इंचार्ज को जमकर लताड़ लगाई।

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ये हुए सस्पेंड

ड्यूटी से गैर हाजिर मिले बिजली निगम के एलटीसी जो¨गद्र ¨सह, एएफएम शिव कुमार, डाइट शाहपुर के क्लर्क रमेश कुमार व डीईओ कार्यालय के रामकुमार को सस्पेंड कर दिया।

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क्या डीसी और एसपी सबक लेंगे मंत्री से

मंत्री मौके पर जाकर जांच कर रहे हैं। नाका, नाका भटक रहे हैं। जिले में होने क बाद भी एसपी जेएस रंधावा और डीसी आदित्य दहिया ने इस तरह की जांच करने की दिशा में अभी तक कुछ नहीं किया। अलबत्ता एडीसी निशांत यादव जरूर अपने स्तर पर ओवरलोड माफिया से दो दो हाथ करने में लगे हुए हैं। उनके लिए समस्य यह है कि जांच टीम में क्योंकि अलग अलग विभागों के कर्मचारी शामिल है, जो सिफारिश लगा कर अपनी ड्यूटी कटवाने की कोशिश में लगे रहते हैं। होना तो यह चाहिए कि जिले के अधिकारी एकजुट हो वाहन माफिया पर रोक लगाने की दिशा में उचित कदम उठाए।

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सवाल हमारी मंशा पर भी

सोचिए, क्या हमने खुद कभी ओवरलोड वाहन की शिकायत की। सड़क किनारे यहां वहां ऐसे अनेक वाहन मिल जाते हैं। हम देख कर आगे बढ़ जाते हैं। यह रवैया गलत है। यदि वास्तव में हम चाहते हैं कि ओवर लोड पर रोक लगे तो हमें भी जागरूक बनना होगा। शिकायत करनी होगी। यदि अब चुप रहे तो ओवरलोड वाहन माफिया जीत जाएगा। . और हमें यूं ही सड़कों पर रौंदता रहेगा। क्या पता अगला नंबर हमारा अपना हो.।


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