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Kaithal News: महाभारतकालीन काली माता के मंदिर में दो दिवसीय मेला शुरू, एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मांगेंगे मन्नतें

कैथल के माता गेट स्थित ऐतिहासिक डेरा बाबा परमहंस पुरी सूर्यकुंड काली माता मंदिर में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है। महाभारत कालीन इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। इस मंदिर को लेकर जन अवधारणा है कि इस मंदिर में लोगों की मन्नतें पूरी हो जाती हैं। मेले को लेकर जिला प्रशासन भी सतर्क है। मेले में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।

By Pankaj Kumar Edited By: Deepak Saxena Sun, 07 Apr 2024 04:03 PM (IST)
Kaithal News: महाभारतकालीन काली माता के मंदिर में दो दिवसीय मेला शुरू, एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मांगेंगे मन्नतें
महाभारतकालीन काली माता के मंदिर में दो दिवसीय मेला शुरू।

जागरण संवाददाता, कैथल। माता गेट स्थित ऐतिहासिक डेरा बाबा परमहंस पुरी सूर्यकुंड काली माता मंदिर में मेला शुरू हो गया है। दो दिनों तक यह मेला चलेगा। चैत्र मास की अमावस्या व पहले नवरात्र पर न केवल हरियाणा से बल्कि पंजाब, राजस्थान सहित अन्य प्रांतों से श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा-अर्चना के लिए उमड़ती है। इसमें एक लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना है। मेले को लेकर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। सिटी थाना क्षेत्र में आने वाले इस मेले को लेकर पुलिस प्रशासन की तरफ से पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी

महंत डेरे के महंत रमन पुरी महाराज ने बताया कि मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेले के चारों तरफ सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहेंगे। भक्तों के लिए 40 जगहों पर भंडारे की व्यवस्था रहेगी। इसके साथ-साथ सुरक्षा के भी उचित प्रबंध पुलिस प्रशासन के सहयोग से रहेगा। मेले को लेकर सेवादारों की भी अलग-अलग ड्यूटी लगाई गई है। प्रसाद सहित खिलौनों की दुकानें भी मेले के चारों तरफ खोली गई हैं, जिससे भक्तों को किसी भी तरह की परेशानी न आए।

ऐतिहासिक स्थान कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि के तीर्थ

महंत ने बताया कि यह ऐतिहासिक स्थान कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि का तीर्थ है। प्राचीन मान्यता के अनुसार, महाभारत काल में ज्येष्ठ पांडव पुत्र युधिष्ठिर ने कैथल में ही नवग्रह कुंडों की स्थापना की थी। इनमें से सबसे बड़ा कुंड सूर्यकुंड के नाम से स्थापित किया गया था। शीतला व काली माता मंदिर इस डेरे में स्थित है। चैत्र नवरात्र में यहां विशेष मेला लगता है। दो दिवसीय मेले में दूर-दराज से लोग पहुंचकर मंदिर में माथा टेकने के बाद परिवार की खुशहाली के लिए मन्नतें मांगते हैं।

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