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Jind : गंभीर केस बताकर गर्भवतियों को रेफर करने का आरोप, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग नहीं दे रहा स्‍मस्‍याओं पर ध्‍यान

हरियाण के जींद जिले में सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में गंभीर केस बताकर गर्भवतियों को रेफर किया जा रहा है। वहीं निजी अस्‍पतालों में इन महिलाओं की नार्मल डिलीवरी हो रही है। वहीं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग भी इन मामलों पर ध्‍यान नहीं दे रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaMon, 23 Jan 2023 11:31 AM (IST)
Jind : गंभीर केस बताकर गर्भवतियों को रेफर करने का आरोप, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग नहीं दे रहा स्‍मस्‍याओं पर ध्‍यान
गंभीर केस बताकर गर्भवतियों को रेफर करने का आरोप, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग नहीं दे रहा स्‍मस्‍याओं पर ध्‍यान

संवाद सूत्र, जुलाना : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना में गर्भवतियों को गंभीर बताकर रेफर किया जा रहा है, लेकिन निजी अस्पताल में जाकर उनकी नार्मल डिलीवरी हो रही है। वहां पर तैनात स्टाफ की इस रवैये के चलते आसपास के गांवों के लोगों को परेशानी हो रही है और उनको निजी अस्पतालों में की तरफ रुख करना पड़ रहा है। रोजाना ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है।

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गत तीन दिन पहले भी जुलाना निवासी युवक ने अस्पताल के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए थे। डिलीवरी के मामलों में बिना कोई जांच किए ही गर्भवती महिलाओं को रेफर कर देते हैं लेकिन अस्पताल में महिलाओं की नार्मल डिलीवरी हो जाती है।

अस्पताल की लापरवाही की करेंगे सीएम से शिकायत: पार्षद सुभाष पांचाल

जुलाना के वार्ड नौ के पार्षद सुभाष पांचाल ने कहा कि अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही लगातार सामने आ रही है इसकी कई बार जुलाना के सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र के एसएमओ को दी, लेकिन कोई भी समाधान नहीं हो पाया। अब इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को शिकायत दी जाएगी।

जुलाना के एसएमओ नरेश वर्मा की अनदेखी के कारण इसका खामियाजा कस्बे के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी मामलों को लेकर गंभीर हो तो आने वाले डिलीवरी के मामलों में जच्चा बच्चा को जान जोखिम में न डालनी पड़ती।

पहला मामला

जुलाना के वार्ड-12 निवासी श्रवण ने आरोप लगाए कि अस्पताल में वह अपनी गर्भवती पत्नी को 19 जनवरी को जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह नौ बजे लेकर गया था। जहां से उसकी पत्नी को रात को स्टाफ ने उसकी पत्नी की हालत गंभीर बताकर डिलीवरी करने की बजाए रेफर करने के कागजात थमा दिए।

जैसे ही एंबुलेंस में उसकी पत्नी को बैठाया गया तो उसी समय नार्मल डिलीवरी हो गई। श्रवण ने आरोप लगाया कि उसने दिन के समय से ही चिकित्सकों को कहा था कि अगर मामला गंभीर लगता है तो उसकी पत्नी को रेफर कर दिया जाए, लेकिन चिकित्सकों ने कोई जवाब नहीं दिया।

दूसरा मामला

गांव हथवाला निवासी सोनू अपनी पत्नी आरती को डिलीवरी के लिए 19 जनवरी को लेकर गया था। जहां पर चिकित्सक ने शाम को ही रेफर करने का प्रयास किया गया लेकिन चिकित्सकों को सिफारिश करने के बाद रात को नार्मल डिलीवरी करवाई गई, लेकिन बच्चा होने के बाद आक्सीजन की कमी बताई गई।

अस्पताल में आक्सीजन के सिलेंडर खाली बता कर जच्चा बच्चा को रेफर किया गया। ऐसे में साफ है कि रात के समय जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी से बचने के लिए रेफर कर रहे हैं। जोकि लोगों के लिए जोखिम भरा है।

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डिलीवरी के लिए एलएमओ की ड्यूटी लगाई गई है। अगर कोई लापरवाही की शिकायत आती है तो मामले की जांच की जाएगी। रेफर का कारण भी रजिस्टर में लिखना होता है। अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर की कोई कमी नही है। मामले की जांच की जाएगी। -नरेश वर्मा एसएसओ जुलाना।