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चलो गांव की ओर : 605 साल पहले बसे गांव बहु में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी से लेकर आइएएस

-हर क्षेत्र में गांव बहु के सपूतों ने बनाई अपनी अलग पहचान

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 09:00 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 09:00 PM (IST)
चलो गांव की ओर : 605 साल पहले बसे गांव बहु में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी से लेकर आइएएस

संवाद सूत्र,साल्हावास :

करीब 605 साल पहने बसे गांव बहू आज अपनी अलग ही पहचान बना रहा है। यहां पर स्वतंत्रता सेनानी से लेकर आइएएस तक जन्म लिया है। जो आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। यहां के युवाओं में कुछ कर गुजरने का जोश भरा है। देश की रक्षा में भी यहां के युवा पीछे नहीं हटते। चाहे इसके लिए अपने प्राणों की आहुति ही क्यों ना देनी पड़े। गांव दूसरों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बना है।

गांव बहु करीब 605 वर्ष पहले बसाया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि भाऊ सिंह राजपूत ने यहां पर रहना आरंभ किया था। उन्हीं के नाम से गांव का नाम भी बहु पड़ा। गांव बहु जिला मुख्यालय झज्जर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है, जो अंतिम छोर पर बसा हुआ है। गांव में सभी लोग आपसी भाईचारे के साथ रहते हैं। ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं पशुपालन है। गांव बहु निवासी मेहताब सिंह पूर्व पार्षद, सज्जन सिंह पूर्व सरपंच, रणबीर प्रधान, आशीष गहलावत, भूपेंद्र गहलावत जिला ग्रामीण अध्यक्ष जननायक जनता पार्टी, पूर्व सरपंच रामअवतार राजपूत, अजय तंवर, उषा देवी निवर्तमान कार्यकारी सरपंच बहु ने बताया कि फिलहाल गांव की आबादी करीब 12-13 हजार है। वहीं गांव में वोटों की संख्या लगभग 5000 है। गांव के सभी लोग मिल जुलकर रहते हैं।

देश सेवा व देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देते हुए भी ग्रामीण पीछे नहीं हटे। देश की रक्षा के लिए यहां के सपूत हमेशा सीना ताने खड़े रहे हैं। गांव बहू में जन्मे बनारसीदास स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। वहीं राम कुमार पुत्र मनोहर सिंह राजपूत 1939-1945 के बीच हुए द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए। परसो पुत्र रतीराम 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध सिगापुर में शहीद हुए। नवल सिंह यादव जम्मू कश्मीर में 2016 में शहीद हुए। गांव बहु में जन्म लेने वाले अनेक बड़े पदों पर रहकर भी अपनी पहचान बना चुके हैं। गांव में आइएएस कृष्ण मित्तल, एचसीएम अलाईड अरविद पंडित, आर्मी में कर्नल चित्रसेन पंडित, एचसीएमएस डा. सुमन तंवर, बिजली निगम से सेवानिवृत्त एक्सइएन प्रीतम सिंह, दिल्ली बिजली बोर्ड के चीफ सेठ अर्जुन, सेवानिवृत्त डीआरओ श्याम लाल तंवर, सेवानिवृत्त डीइओ राजकुमारी, एचएसएससी बोर्ड के सदस्य भिमन बोस, एमबीबीएस डा. गुरुदत्त आदि ने गांव में जन्म लेकर अपनी प्रतिभा के दम पर पहचान बनाई है।


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