ट्रेड मिल पर दौड़कर विशाल धनखड़ ने बनाया रिकॉर्ड
अमित पोपली, झज्जार इंसान में कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश हो तो कामयाबी उसके कदम चूमती है। इसके लिए
अमित पोपली, झज्जार
इंसान में कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश हो तो कामयाबी उसके कदम चूमती है। इसके लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय एवं निरंतर अभ्यास के बल पर ही बुलंदियों तक पहुंचा जा सकता है। ऐसा ही एक रिकॉर्ड बनाकर झज्जर के 22 वर्षीय विशाल धनखड़ ने बुलंदियों को छुआ है। ट्रेड मिल पर 12 घंटें में 107 किलोमीटर तक लगातार दौड़कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है।
जिला झज्जार के बीड़ सुनारवाला गाव निवासी 22 वर्षीय विशाल धनखड़ ने इसी 28 जून को लगातार 12 घटे ट्रेड मिल पर दौड़ते हुए 107.24 किलोमीटर का नया रिकॉर्ड बनाया है। विशाल के इस रिकॉर्ड को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने भी स्वीकार किया है और उनका नाम इस स्पर्धा में दर्ज करते हुए उन्हे प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।
दिल्ली की जिम में बनाया रिकॉर्ड स्पोटर्स स्कूल राई में शिक्षा प्राप्त कर चुके विशाल धनखड़ बचपन से ही खेलों को पसंद करते है। खेलों में रुचि रखने वाले विशाल कई वर्षाें से ट्रेड मिल पर अभ्यास कर रहे है। इस अभ्यास की कड़ी में उन्होंने 28 जून को दिल्ली, रोहिणी के बीएमडब्ल्यू जिम एंड स्विमिंग पुल में लगातार 12 घटे तक ट्रेड मिल पर चलते हुए 107.24 किलोमीटर दौड़ने का रिकॉर्ड बनाया है। भारत सहित एशिया में भर में विशाल लगातार इतने घटे दौड़ने वाले विशाल इस आयु वर्ग के पहले है। जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल किया है। हालाकि इससे पहले किए गए उनके प्रयास में उन्होंने 7 घटे 17 मिनट तक दौड़ते हुए 70.900 किलोमीटर का रिकॉर्ड बनाया था।
ग्रामीण परिवेश की है पृष्ठभूमि
मूल रुप से जिला झज्जार के बीड़ सुनारवाला गाव से संबंध रखने वाले विशाल के पिता प्रेम धनखड़ और माता दर्शना है। विशाल के पिता व्यापारी है और माता सरकारी विद्यालय में अध्यापिका है। विशाल तीसरी कक्षा से ही स्पोटर्स स्कूल राई में चले गए थे। जहा खेल एवं अनुशासन का पाठ उन्हे शुरू से ही पढ़ने को मिला। अपने स्पोर्टिग कैरियर में उन्होंने मुख्य तौर पर फुटबॉल, बॉस्केट बॉल, घुड़सवारी व लॉन टेनिस खेले है। इन सभी खेलों में भी उन्होंने अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है। अभी तक के खेल जीवन में विभिन्न श्रेणियों में खेलते हुए उन्होंने 11 मैडल अर्जित किए है।
24 व 48 घटे की स्पर्धा में लेगा हिस्सा
घुड़सवारी में राइडर के रुप में पहचान रखने वाले विशाल अब रनर में तब्दील हो चुके है। उनका लक्ष्य है कि वह बहुत ही जल्द कैलीफोर्निया स्थित डैथ वैली में 24 घटे तथा 48 घटे की स्पर्धा में हिस्सा लेने के लिए जाएंगे। जिसके लिए वह लगातार अभ्यासरत है। उनका मानना है कि अगर लगातार प्रयास हो तो किसी भी क्षेत्र में बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते है। खास तौर पर तब जब आप बेहतर करने का माद्दा रखते तो लेकिन किन्हीं कारणों के चलते आपकी प्रतिभा को नजर अंदाज किया जाता है। ऐसे में स्वयं पर विश्वास रखते हुए मेहनत जारी रखनी चाहिए।
माता-पिता का सपना हुआ पूरा
पिता प्रेम धनखड़ तथा माता दर्शना का कहना है कि उन्हे शुरु से ही विश्वास था कि उनके बेटा बेहतर करने का माद्दा रखता है और वह करके भी दिखाएगा। हालाकि यह अभी शुरुआत है और वह निरतर प्रयासरत भी है। उनका कहना है कि विशाल दृढ़ निश्चय रखते हुए मेहनत कर रहा है और यही उसका मजबूत पक्ष भी है।