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Corona crisis में मुश्किल में फंसे दुकानदार, किराया न चुकाने पर खाली करनी पड़ रहीं दुकानें

हरियाणा में कोरोना संकट के कारण काफी संख्‍या में दुकानदार परेशानी में पड़ गए हैं। कई जगहों पर दुकानदार अपनी दुकान का किराया नहीं चुका पाते हैं। उनसे दुकानें खाली कराई जा रही हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 04:07 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 04:07 PM (IST)
Corona crisis में मुश्किल में फंसे दुकानदार, किराया न चुकाने पर खाली करनी पड़ रहीं दुकानें
Corona crisis में मुश्किल में फंसे दुकानदार, किराया न चुकाने पर खाली करनी पड़ रहीं दुकानें

हिसार, जेएनएन। लॉकडाउन में ढील के बाद अब लगभग पूरे हरियाणा में व्यावसायिक प्रतिष्ठान और दुकानें खुल गई हैं। कारोबार की रफ्तार बेहद धीमी है लेकिन व्यवसायी वर्ग आत्मविश्वास से लबरेज है। उसे उम्मीद है कि विकास की रफ्तार तेज होगी तो उसके भी दिन बदल जाएंगे लेकिन इसी बीच जींद और झज्जर समेत कुछ जिलों से परेशान करने वाली खबरें मिली हैं। झज्जर में नगर पालिका ने मार्च महीने का किराया मई में जमा करने वाले दुकानदारों से जुर्माना भी लिया है तो जींद में किराया चुकाने में अक्षम बताने पर दुकानें भी खाली कराई जा रही हैं। हालांकि इस बीच करनाल और यमुनानगर में मकान और दुकान मालिकों द्वारा किराये को मानवीय दृष्टिकोण अपनाए जाने की खबरें भी मिल रही हैं जो संकट की घड़ी में सुकून दे रही हैं।

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विलंब से किराया देने के कारण जुर्माना और दुकानें खाली कराने की खबरें

दुकानदारों की इस समस्या को देखते हुए रोहतक और पानीपत समेत कई शहरों में व्यापारियों ने निकाय प्रशासनों और ट्रस्टों से किराया माफ करने की गुहार लगाई है लेकिन अभी तक कहीं से भी सकारात्मक जवाब नहीं आया है।

केस 1

कैथल निवासी मुकेश कुमार की लाला लाजपत राय शॉपिंग कांप्लेक्स में मोबाइल की दुकान है। वह डेढ़ महीने से दुकान नहीं खोल पाए हैं। अब ऑड-ईवन के हिसाब से दुकानें खुलनी शुरू हुई हैं लेकिन ग्राहक अब भी नहीं आ रहे हैं। दुकान बंद होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। लिहाजा उन्होंने सरकार और प्रशासन से दो महीने का किराया माफ करने की गुजारिश की है।

केस 2 

करनाल : पुरानी सब्जी मंडी क्षेत्र में मसाला कारोबारी राजकिशोर ने दो दिन से दुकान खोलनी शुरू की है। प्रतिमाह दुकान के किराये के साथ ही उसे एक नौकर की तनख्वाह भी देनी होती है। लॉकडाउन में उन्होंने नौकर को तनख्वाह दी। पहले वह नौकर की तनख्वाह, दुकान का किराया सहित अन्य खर्च के बाद 25 हजार रुपये महीना कमा लेते थे लेकिन इस बार यह खर्च निकलना ही मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने दुकान मालिक से एक माह का किराया माफ करने के लिए निवेदन किया है लेकिन अभी तक हां या ना में जवाब नहीं मिला है।

किराया माफ करो सरकार

झज्जर : जिले में चार दिन पहले व्यापार मंडल झज्जर के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त के मार्फत सीएम मनोहर लाल को नगर पालिका एवं वक्फ बोर्ड की दुकानों का तीन-तीन माह का किराया माफ किए जाने का एक ज्ञापन सौंपा है।

रोहतक : नगर निगम क्षेत्र में करीब 35 हजार कॉमर्शियल प्रॉपर्टी हैं। रोहतक व्यापार मंडल के महासचिव गुलशन निझावन व अन्य व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन के जितने दिन प्रतिष्ठान, दुकानें आदि बंद रहे उनका किराया, प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली-सीवरेज-पानी आदि के बिल भी माफ होने चाहिए।

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लॉकडाउन में दुकानों को किराये में मिले छूट

पानीपत : नगर निगम क्षेत्र में 10 हजार से अधिक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी हैं। जीटी रोड स्थित गुरुद्वारा मार्केट के प्रधान सुरेश बवेजा ने संस्थाओं, मंदिरों, गुरुद्वारों और सरकार से मांग है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान जितने दिन दुकानें बंद रही उनका किराया न लिया जाए।

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यहां दिखा मोदी की अपील का असर

करनाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किरायेदारों को लेकर जारी की गई अपील का असर करनाल में देखने को मिला। शहर में नगर निगम व संस्थाओं की दुकानों के किरायेदारों पर किराया चुकता करने को लेकर किसी तरह का दबाव नहीं आया। निगम के डीएमसी धीरज कुमार के अनुसार किसी भी दुकानदार को किराये को लेकर नहीं टोका गया है। हालांकि कुछ दुकानदार अपनी मर्जी से जरूर किराया जमा करवाकर गए हैं।

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दुकानें खाली कर रहे दुकानदार

जींद : शहर में नगर परिषद की 367 दुकानें हैं। जिनका मासिक किराया लगभग 10 लाख रुपये नगर परिषद को मिलता है। यहां के हुडा मार्केट में लोग किराया न चुका पाने के कारण दुकानें खाली करने लगे हैं। किराये को लेकर लोग जबर्दस्त दबाव में हैं।

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मिली तो नहीं मगर माफी की उठी मांग

फतेहाबाद : जिले में अब तक कहीं भी किराएदारों को परेशान करने का मामला सामने नहीं आया है। न ही कहीं से किराया के लिए छूट की बात सामने आई है। जिले में 12 हजार दुकानदार किराए की दुकानों में व्यवसाय करते हैं। वहीं 8 हजार 500 लोग किराए के मकानों में रहते हैं। हालांकि किराया के लिए मकान मालिकों ने समय की अवश्य छूट दे दी।

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दुकान करा रहे खाली

सिरसा : बाजारों में किराया 10 हजार से लेकर 35-40 हजार रुपये तक है। दुकानों के आगे फुटपाथ पर अड्डा लगाकर सामान बेचने वाले भी दो से पांच हजार रुपये तक महीने का अदा कर रहे हैं। यहां किराया देने में आनाकानी करने पर किरायेदारों को दुकान खाली करने के लिए भी कहा जा रहा है।

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परेशान हैं दुकानदार

कैथल: शहर में नगर परिषद की 678 दुकानें हैं । इनमें मुख्य दुकानें लाला लाजपत राय शॉपिंग कांप्लेक्स में 60 दुकानें हैं। तंगहाल दुकानदारों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि उनका दो महीने का किराया माफ किया जाए।

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अब तक नहीं लिया मार्च का किराया

यमुनानगर में श्री सनातन धर्म मंदिर सभा की दुकानों में बैठे किरायेदारों ने बताया कि आमतौर पर सभा की ओर से महीने की 10 तारीख को किराया लिया जाता था। अब दुकानें खुली हैं तो सभा की तरफ से कोई किराया लेने नहीं आया और न ही किसी दुकानदार ने किराया माफ करने की गुहार लगाई है। निगम की शहर में 1200 दुकानें है।

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विधायक से लगाएंगे गुहार

कुरुक्षेत्र : थानेसर नगर परिषद की 400-500 दुकानें शहर में हैं। इसके अलावा संस्थाओं और वक्फ बोर्ड की किराये पर दुकानें हैं। करीब 3500 दुकानें शहर में हैं। कुरुक्षेत्र व्यापार मंडल के प्रधान फतेहचंद गांधी ने बताया कि दुकानदारों की समस्या को विधायक सुभाष सुधा और डीसी के सामने रखा जाएगा।

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किराये को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं

अंबाला : स्थानीय निकाय की दुकानों का किराया लेना है या माफ करना है, इसके बारे में कोई दिशा निर्देश नहीं है। नगर परिषद अबाला कैंट सचिव ने बताया कि किसी को किराये के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा।

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फरीदाबाद

फरीदाबाद में किराया माफ करने संबंधी कोई बात सामने नहीं आई हैं। अखिल भारतीय उद्योग-व्यापार मंडल के जिला प्रधान राम जुनेजा के अनुसार, दुकानदारों ने दुकान मालिकों से यह आग्रह जरूर किया है कि जब काम चल पड़ेगा, किराया तब देंगे। परिस्थितियों को देखते हुए दुकान मालिकों ने भी किराया मांगने बाबत कोई दबाव नहीं बनाया है।

रेवाड़ी

लाकडाउन के दौरान बंद रही दुकानों के किराये को माफ करने को लेकर व्यापारिक संगठनों की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शहर के बाजारों व सरकारी विभागों की दुकानों के उन पुराने दुकानदारों को कोई दिक्कत नहीं है जिनका किराया बेहद कम है, लेकिन पॉश क्षेत्रों जैसे मॉडल टाउन, सेक्टरों व सरकुलर रोड पर किराया अधिक है। यहां 15 से लेकर 70 हजार रुपये तक किराया देना व्यापारियों के लिए मुसीबत बन गया है।

इनसे लें सबक

नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका निवासी सीताराम बेंसला और यादराम बेंसला ने अपने 48 किरायदारों/ दुकानदारों का दो माह का किराया नहीं लेने की घोषणा की है। संकट के सारथी बने इन लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपील से उनका मन बदला और यह फैसला ले लिया।

गुरुग्राम और पलवल

गुरुग्राम और पलवल में भी किराये को लेकर दुकानदार परेशान हैं। वहीं पलवल शहर के मुख्य बाजारों में करीब 5000 दुकानें हैं जिनमें से 30 से 35 फीसद दुकानदार किराए की दुकानों में कारोबार कर रहे हैं। यहां बहुतायत दुकानदारों का कहना है कि किसी भी भूस्वामी ने किराया माफ नहीं किया है।

सोनीपत

कोरोना संकट के समय में नगर निगम ने अपनी दुकानों का किराया, तहबाजारी, लाइसेंस फीस व अन्य सुविधाओं को लेकर भुगतान की तिथि को बढ़ाकर संकट के समय में राहत दी है। व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष संजय सिंगला का कहना है कि अगर किसी दुकानदार की वास्तविक स्थिति किराया न भर पाने की है तो व्यापार मंडल अपने स्तर पर उसकी मदद करेगा।

नारनौल

नारनौल में हरियाणा व्यापार मंडल के प्रधान बजरंग लाल अग्रवाल के अनुसार, शहर में करीब 2500 दुकानें 500 रुपये से 30-35 हजार रुपये मासिक तक किराया की दुकानें हैं। अब तक इस पर किसी किराएदार या मालिक ने किराया माफी की कोई पहल नहीं है।

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