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Kisan Andolan : हरियाणा के संगठनों की हर बैठक में बन रहा नया मोर्चा, रणनीति पर हर बार बिगड़ जाती है बात

किसान आंदोलन के तहत सबसे पहले सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा के कुछ संगठनों ने एकत्रित होकर अलग से संयुक्त मोर्चा बनाया। 21 जनवरी को बहादुरगढ़ बाईपास पर फिर नया संगठन बनाया गया। इसके अगले ही दिन टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा के 17 किसान संगठनों ने इस पर सवाल खड़े किए।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 09:12 AM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 12:03 PM (IST)
Kisan Andolan : हरियाणा के संगठनों की हर बैठक में बन रहा नया मोर्चा, रणनीति पर हर बार बिगड़ जाती है बात
एक दिन बहादुरगढ़ बाइपास पर हरियाणा के संगठनाें की बैठक हुई, इसमें हरियाणा का संयुक्त मोर्चा बनाने का ऐलान हुआ।

हिसार/बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच हरियाणा के संगठनों की हर बैठक में नया मोर्चा बन जाता है। कुछ संगठन एकत्रित होकर रणनीति बनाते हैं तो कुछ अन्य संगठन उसे नकार देते हैं। अब तक यही सिलसिला चल रहा हेै। शुरूआत से बात करें तो सबसे पहले सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा के कुछ संगठनों ने एकत्रित होकर अलग से संयुक्त मोर्चा बनाया। इसमें हरियाणा के कुछ संगठन शामिल हाे गए। जो बच गए, उन्होंने बहादुरगढ़ में जनवरी के पहले सप्ताह में बैठक करके राष्ट्रीय किसान मजदूर संघर्ष समन्यय समिति का गठन किया गया। इसमें 15 किसान संगठनों के शामिल होने का दावा किया गया।

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चढ़ूनी को प्रदेशाध्यक्ष चुने जाने पर बिगड़ी बात

इसके बाद 21 जनवरी को बहादुरगढ़ बाईपास पर फिर कुछ संगठन एकत्रित हुए। इसमें साझा मोर्चा बनाया और गुरनाम चढूनी को उसका अध्यक्ष चुना गया। इसके अगले ही दिन टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा के 17 किसान संगठनों ने प्रेस वार्ता की और चढूनी को प्रदेश के किसान संगठनों का अध्यक्ष चुना जाना अस्वीकार किया। इन संगठनों का कहना था कि सभी संगठनों के अपने-अपने अध्यक्ष हैं। ऐसे में किसी एक नेता को सभी संगठनों के साझा मोर्चा का अध्यक्ष नहीं चुना जा सकता। उनका तर्क था कि हरियाणा में ऐसा कोई अध्यक्ष नहीं है और न ही हो सकता है।

तीन बार बैठकें, नहीं पहुंचे सभी संगठन

इसके बाद बाईपास पर जनवरी मध्य से लेकर 1 मार्च तक नए बस स्टैंड परिसर में तीन बार बैठक हो चुकी है। वहां पर भी हरियाणा के सभी संगठन एकजुट नहीं हुए। अब एक दिन पहले फिर से बाइपास पर हरियाणा के संगठनाें की बैठक हुई, इसमें हरियाणा का संयुक्त मोर्चा बनाने का ऐलान हुआ। इसमें गुरनाम चढूनी भी शामिल हुए। हालांकि इसमें उन कई संगठनों के नेता शामिल नहीं हुए, जो टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में सक्रिय हैं। 

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